# हिमाचल में स्टार प्रचारकों की रैली के लिए राजनीतिक दल मौसम विभाग से ले रहे अपडेट…

lok sabha election: Political parties taking updates from weather department for rally of star campaigners in

किसान-बागवान ही नहीं, इन दिनों नेताजी भी मौसम का मिजाज जानने में खूब दिलचस्पी ले रहे हैं। 

हिमाचल में किसान-बागवान ही नहीं, इन दिनों नेताजी भी मौसम का मिजाज जानने में खूब दिलचस्पी ले रहे हैं। मौसम विभाग और इंटरनेट से जानकारी लेकर राजनीतिक दल चुनावी रैलियां तय करने की योजना पर काम कर रहे हैं। स्टार प्रचारकों की बड़ी रैलियों के लिए वैज्ञानिकों से मौसम का पूर्वानुमान जुटाया जा रहा है।

सूर्यदेव और इंद्रदेव के तेवर भांपने के लिए राजनीतिक दल मौसम विशेषज्ञों और तकनीक का सहारा ले रहे हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला में रोज कई राजनीतिक दलों के नेता फोन से भी संपर्क साध रहे हैं। हिमाचल में लोकसभा की चार सीटों और छह विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के लिए मतदान एक जून को होना है। बड़े नेताओं की रैलियां बारिश में न धूल जाए, इसे देखते हुए भी राजनीतिक दल मौसम का पूर्वानुमान भांप रहे हैं। 

अधिकतम तापमान भी ले रहा इम्तिहान 
प्रदेश में लगातार बढ़ रहा अधिकतम तापमान भी अब प्रत्याशियों का इम्तिहान लेने लगा है। गर्मी बढ़ने के चलते सुबह-शाम के समय ही चुनाव प्रचार हो रहा है। दिन में घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना में आजकल अधिकतम तापमान 38 से 40 डिग्री के बीच चल रहा है।

कांगड़ा और चंबा में भी 38 डिग्री तक पहुंच गया है। शिमला संसदीय सीट के तहत सोलन और सिरमौर में पारा 35-36 डिग्री, मंडी और कुल्लू में 38 डिग्री के आसपास है। इस संसदीय सीट के तहत किन्नौर, लाहौल-स्पीति और शिमला जिले में भी गर्मी लगातार बढ़ रही है। वोट अपील करने के लिए घर-घर पहुंचने को प्रत्याशियों और समर्थकों को पसीना बहाना पड़ रहा है।

मई के आखिरी हफ्ते के मौसम पर नजर 
कांग्रेस के वॉर रूम उपाध्यक्ष हरिकृष्ण हिमराल ने बताया कि बड़े नेताओं की रैलियों की तारीख तय करने से पहले मौसम के पूर्वानुमान को लेकर अपडेट ले रहे हैं। मई के आखिरी हफ्ते में मौसम कैसा रहेगा, इसकी जानकारी जुटाने के बाद ही शेड्यूल तैयार किए जा रहे हैं।

पश्चिमी विक्षोभ पर रखी जा रही नजर
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी करण नंदा ने बताया कि मौसम की हर जानकारी रखने के लिए इंटरनेट और मौसम विज्ञान केंद्र से मदद ली जा रही है। पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने पर किन क्षेत्रों में बादल बरसने की संभावना है, इसका पूरा रिकॉर्ड एकत्र किया जा रहा है।

सूर्य-इंद्रदेव का तेवर भांपने को तकनीक की शरण में नेता,  तैयार कर रहे शेड्यूल
आने वाले दिनों में मौसम का हाल किस प्रकार का रहेगा, इसको लेकर राजनीतिक दलों के कई नेता जानकारी ले रहे हैं। अधिकतम तापमान में कितनी बढ़ोतरी संभावित है और बारिश के आसार कब-कब हैं। इसको लेकर पूछताछ कुछ दिनों से बढ़ी है। 

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