हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में प्रवेश करने वाले बाहरी राज्यों के वाहनों से इसी साल से ग्रीन फीस की वसूली शुरू हो सकती है। नगर निगम सदन के फैसले के बाद निगम प्रशासन ने इस मामले में दस सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त बीआर शर्मा की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में चार पार्षदों, एनएचएआई और नगर निगम के विधि और तकनीकी अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। यह कमेटी ग्रीन फीस को लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी शहर के प्रवेश द्वारों पर कहां और कैसे वाहनों से ग्रीन फीस वसूली जा सकती है, इसे लेकर भी जगह तय की जाएगी। नगर निगम ने साल 2014 में भी बाहरी राज्यों के वाहनों से ग्रीन फीस वसूली शुरू की थी। लेकिन हाईवे पर बैरियर लगाकर फीस वसूली पर बाद में विवाद हो गया। इसके बाद यह वसूली बंद करनी पड़ी थी। अब दोबारा इसे शुरू करने के लिए कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में पार्षद राम रतन वर्मा, गोपाल शर्मा, अनिता शर्मा, विशाखा मोदी, विधि अधिकारी, एनएचएआई, नगर निगम के अधिशासी अभियंता, संपदा शाखा के अधीक्षक भी सदस्य होंगे
ग्रीन फीस वसूली से नगर निगम को सालाना 12 करोड़ की आय होगी। शहर के लोगों पर इसका असर नहीं पड़ेगा। जिन लोगों के पास बाहरी राज्यों के नंबर वाले वाहन हैं, वह पार्षद से अपना प्रमाणपत्र बनाकर इस फीस से राहत पा सकते हैं। नगर निगम एप के जरिये भी इस शुल्क की वसूली की योजना बना रहा है।
ये रहेंगी फीस की दरें
वाहन ग्रीन फीस
छोटी कार 200 रुपये
बस या ट्रक 300 रुपये
दोपहिया वाहन 50 रुपये