# हिमाचल में भाजपा डाल-डाल तो कांग्रेस पात-पात, चुनावी प्रचार चरम पर…

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lok sabha election: In Himachal, BJP is on every branch and Congress is on every leaf

प्रचार के लिए चार दिन हाथ में देख प्रदेश में भाजपा-कांग्रेस का चुनावी प्रचार चरम पर आ गया है। 

 देवभूमि में लोकसभा का रण अब गिनती के दिनों का ही रह गया है। 1 जून को मतदान होना है। प्रचार के लिए चार दिन हाथ में देख प्रदेश में भाजपा-कांग्रेस का चुनावी प्रचार चरम पर आ गया है। दोनों दल चारों सीटों में जीत-हार के समीकरणों के हिसाब से स्टार प्रचारकों हिमाचल के रण में उतारने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह प्रदेश के चुनावी माहौल को गरमा कर लौट चुके हैं तो कांग्रेस से अब राहुल और प्रियंका मैदान में हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू पहले से ही मोर्चा संभाले हुए हैं।

प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस में शुरुआती दौर से ही तू डाल-डाल तो मैं पात-पात वाली स्थिति बनी हुई है। चुनावी तैयारियों से लेकर प्रत्याशियों की घोषणा और चुनाव प्रचार का श्रीगणेश, सभी मोर्चों पर पहले भाजपा आगे बढ़ी। फिर, कांग्रेस ने कदम बढ़ाया। अब स्टार प्रचारकों को प्रदेश के रण में झोंकने के मामले में भी इसी अंदाज में अपनी रणनीति को अमलीजामा पहना रहे हैं। 24 मई को शिमला संसदीय क्षेत्र के नाहन और मंडी सीट के मंडी में भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभाएं कर चुनावी माहौल को अपने पक्ष में गरमाने का दांव खेला। एक दिन बाद शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के अंब और कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र के धर्मशाला में गरजे। इससे पहले भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 18 मई को हमीरपुर और कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्रों में चुनावी रैली कर चुके हैं।

भाजपा अपने शीर्ष नेतृत्व के सर्वोच्च तीन चेहरों को हिमाचल के चुनाव प्रचार में उतार चुकी है। अब कांग्रेस भी चुनावी मैदान में भाजपा के स्टार प्रचारकों का जवाब अपने स्टार प्रचारकों से दे रही है। रविवार को नाहन और ऊना में राहुल गांधी हुंकार भर चुके। सोमवार-मंगलवार को प्रियंका की चुनावी जनसभाएं और रोड शो होंगे। प्रदेश में सियासी समीकरणों को समझते हुए भाजपा ने मोदी मैजिक का लाभ उठाने की कोशिश में प्रधानमंत्री की जनसभाएं करवाई हैं। हमीरपुर और कांगड़ा-चंबा सीट पर जेपी नड्डा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने जनसभाएं कीं। 

उपचुनाव की प्रतिष्ठित जंग को देखते हुए शाह की जनसभा के लिए पार्टी ने कांगड़ा में धर्मशाला और ऊना में अंब को चुना। हमीरपुर सीट पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पांचवीं बार मैदान में हैं। जबकि, कांगड़ा सीट पर भाजपा के डॉ राजीव भारद्वाज के मुकाबले कांग्रेस के आनंद शर्मा मैदान में हैं। कांग्रेस शिमला सीट में सिरमौर जिले को कमजोर कड़ी के रूप में भी देख रही है। भाजपा प्रत्याशी निवर्तमान सांसद सुरेश कश्यप इसी जिले से हैं।

भाजपा हाटी समुदाय को जनजाति का दर्जा देने के मुद्दे को भुनाना चाहती है। इसी को देखते हुए रविवार को कांग्रेस ने राहुल गांधी को नाहन में प्रचार के मोर्चे पर उतारा। राहुल ने ऊना में भी जनसभा की। अब सोमवार को प्रियंका गांधी कांगड़ा के शाहपुर और चंबा में जनसभा करने आ रही हैं। प्रियंका का मंडी में रोड शो और कुल्लू में जनसभाएं 28 मई को प्रस्तावित हैं। भाजपा-कांग्रेस में यह वार-पलटवार क्या गुल खिलाएगा, इसका पता 4 जून को नतीजों से ही चलेगा।

भाजपा की रणनीति के केंद्र में शिमला और मंडी
भाजपा ने रणनीति के तहत मंडी और शिमला संसदीय सीटों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभाएं करवाईं। इन दोनों सीटों पर मुकाबला नजदीकी होने की संभावना जताई जा रही है। शिमला सीट पर कांग्रेस से पूर्व सांसद केडी सुल्तानपुरी के विधायक बेटे विनोद सुल्तानपुरी भाजपा के प्रत्याशी निवर्तमान सांसद सुरेश कश्यप को चुनौती दे रहे हैं। विधायकों के संख्या बल और मंत्रिपद के हिसाब से शिमला जिले में कांग्रेस खुद को ठीक स्थिति में मानकर चल रही है। उधर, मंडी सीट पर अब तक शाही परिवार का दबदबा रहा है। अब कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह भाजपा की बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रणौत के सामने प्रत्याशी हैं। अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें

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