प्रदेश में आज चुनाव प्रचार थम जाएगा। ऐसे में लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के लिए बाहरी राज्यों से आए विभिन्न पार्टियों के स्टार प्रचारकों को हिमाचल छोड़ना होगा।
प्रदेश में आज चुनाव प्रचार थम जाएगा। ऐसे में लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के लिए बाहरी राज्यों से आए विभिन्न पार्टियों के स्टार प्रचारकों को हिमाचल छोड़ना होगा।
हिमाचल प्रदेश में आज चुनाव प्रचार थम जाएगा। ऐसे में लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के लिए बाहरी राज्यों से आए विभिन्न पार्टियों के स्टार प्रचारकों को हिमाचल छोड़ना होगा। रैलियों और सभाओं पर विराम लग जाएगा। पार्टी प्रत्याशी और दलों के नेता डोर टू डोर प्रचार कर सकेंगे। 1 जून को सुबह 7 बजे से सायं 6 बजे तक प्रदेश की चार लोकसभा सीटों और छह विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के लिए मतदान होगा।
इस दौरान अगर मतदान केंद्र के बाहर मतदाताओं की लाइन लगी होगी, तो उनसे मतदान कराने के बाद ही केंद्र बंद होंगे। निर्वाचन विभाग के निर्देशानुसार 30 मई शाम छह बजे से और एक जून को रात 12 बजे तक शराब के ठेके बंद रहेंगे। मतगणना के दिन 4 जून को भी पूरा दिन शराब के ठेके बंद रहेंगे। पुलिस ने पड़ोसी राज्यों के साथ लगती सीमाओं को सील कर दिया है। चंबा के साथ लगती जम्मू और किन्नौर के साथ लगती चीन सीमाओं पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है
मतदान जरूरी, एक जून को अवकाश घोषित
चुनाव में अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर पंजीकृत वोटरों के लिए मतदान के दिन एक जून को सवैतनिक अवकाश घोषित किया गया है। राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि प्रदेश सरकार के सभी कार्यालय, बोर्ड, निगम, शिक्षण संस्थान, औद्योगिक प्रतिष्ठान इसमें शामिल हैं। दैनिक वेतन भोगियों के लिए भी यह सवैतनिक अवकाश होगा और यह नेगोशिएबल इन्स्ट्रूमेंटस एक्ट 1981 की धारा 25 के तहत लागू होगा। ये दिशा-निर्देश व्यापारिक एवं औद्योगिक प्रतिष्ठानों के कर्मियों पर भी लागू होंगे, जिन पर नेगोशिएबल इन्स्ट्रूमेंटस एक्ट लागू नहीं होता। इसे लेकर प्रदेश सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। यदि कोई नियोक्ता अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो प्रावधानों के अनुसार उस पर कार्रवाई की जा सकती है।
मनीष गर्ग ने बताया कि श्रम आयुक्त एवं चीफ इंस्पेक्टर ऑफ फैक्टरीज हिमाचल ने सहायक निदेशक कारखाना, ऊना, सोलन और प्रदेश के सभी श्रम अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश भी जारी किए हैं। निर्देशों के अनुसार कारखाना निरीक्षणालय ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135-बी के प्रावधान के संबंध में जानकारी दी है, इसमें मतदान के दिन कर्मचारियों को सवेतन अवकाश देने का प्रावधान है। प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों (उपायुक्त) को भी यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि कर्मचारी, विशेषकर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी या असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को भी मतदान के दिन सवेतन अवकाश मिले। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यवसाय, व्यापार, औद्योगिक उपक्रम या किसी अन्य प्रतिष्ठान में कार्यरत व्यक्ति, जो लोकसभा या विधानसभा के चुनावों के दौरान वोट देने का हकदार है, को मतदान के दिन वेतन सहित अवकाश दिया जाएगा। ऐसे किसी भी व्यक्ति के वेतन में ऐसी छुट्टी के कारण कोई कटौती नहीं की जाएगी।