# हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल के प्रचार सलाहकार व उत्तराखंड के भाजपा नेता तलब…

Former Haryana CM Manohar Lal's campaign advisor and Uttarakhand BJP leader summoned

 पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रचार सलाहकार रहे तरुण भंडारी, उत्तराखंड के एक बड़े भाजपा नेता और हिमाचल प्रदेश के दो पूर्व विधायक आज शिमला पुलिस ने तलब किए हैं। 

 हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रचार सलाहकार रहे तरुण भंडारी, उत्तराखंड के एक बड़े भाजपा नेता और हिमाचल प्रदेश के दो पूर्व विधायक आज शिमला पुलिस ने तलब किए हैं। मामला राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रास वोटिंग करने वाले विधायकों को होटलों में ठहराने व उनके खाने-पीने के बिलों की अदायगी का है। जिसमें इनसे पूछताछ की जा सकती है। इस मामले में बालूगंज थाना में केस दर्ज हुआ है। मामले में कुछ तथ्य सामने आए हैं, जिनको आधार बनाकर जांच की आंच हरियाणा और उत्तराखंड तक जा पहुंची है

राज्यसभा चुनाव में क्राॅस वोटिंग के बाद कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीय विधायकों को चंडीगढ़ के होटल में ठहराया गया था। इस दौरान आरोप लगा कि इनके खाने-पीने और ठहरने का लाखों का बिल एक फार्मा कंपनी ने चुकाया। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ के दौरान फार्मा कंपनी ने खुलासा किया कि पैसे के भुगतान में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रचार सलाहकार रहे तरुण भंडारी की भी भूमिका है। इसलिए तरुण को 13 जून को थाना बालूगंज में जांच में शामिल होने के लिए कहा गया।

तरुण अभी हरियाणा के सीएम नायब सैनी के प्रचार सलाहकार हैं। उत्तराखंड के भाजपा के एक आला नेता को भी नोटिस जारी कर जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है। उत्तराखंड में जिन होटलों में ये विधायक ठहरे थे, उनका बिल भरवाने का इस नेता पर भी आरोप है। यह पैसा किस माध्यम से होटल संचालकों को दिया गया, इसकी जांच की जा रही है। इसके अलावा हिमाचल के दो पूर्व विधायकों को भी छानबीन में शामिल होने के लिए बुलाया गया है।

शिमला पुलिस ने कांग्रेस विधायकों संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ की शिकायत के आधार पर पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के पिता व उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा और पूर्व विधायक आशीष शर्मा व अन्य के खिलाफ बालूगंज थाना में एफआईआर दर्ज की थी। गौड़ व अवस्थी की संयुक्त शिकायत में कहा गया है कि राज्यसभा चुनाव में विधायकों को प्रलोभन दिया गया है। इतना ही नहीं, बजट सत्र में वित्त विधेयक पास न हो और प्रदेश सरकार अस्थिर हो, इसकी भी साजिश रची गई। आरोप है कि राज्य सरकार को सत्ताविहीन करने के लिए हेलिकाप्टर, अर्धसैनिक बलों और गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया। 

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