हिमाचल ने केंद्र से मांगा प्रोजेक्टों के लिए 10 हजार करोड़ का बजट

Himachal sought a budget of 10 thousand crores from the center for the projects

हिमाचल प्रदेश ने केंद्र सरकार से विभिन्न प्रोजेक्टों के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का बजट मांगा है। नई दिल्ली में गत शनिवार को हुुई प्री बजट बैठक में शामिल प्रदेश के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष यह मांग उठाई। उद्योग मंत्री ने कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए 3,500 करोड़ की सहायता मांगी है, जबकि गत वर्ष हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा की क्षतिपूर्ति के लिए 3000 करोड़ रुपये राज्य को देने की मांग की। इसके अलावा अन्य प्रोजेक्टों के लिए भी पैसा मुहैया करवाने के लिए कहा है। मौजूदा समय में कांगड़ा एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई 1,370 मीटर है। विस्तारीकरण के बाद इसे बढ़ाकर 3,100 मीटर किया जाना है।

भूमि अधिग्रहण सहित अन्य औपचारिकताओं और निर्माण पर होने वाले खर्च के लिए प्रदेश ने केंद्र से सहयोग मांगा है। वहीं, बीते साल मानसून सीजन में राज्य में भीषण तबाही हुई थी। नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्र से आईं टीमों की सिफारिश के बावजूद अभी तक 3,000 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति के तौर पर नहीं मिले, जिसे जारी करने की भी अपील की। प्रदेश में फलों सब्जियों सहित अन्य उत्पादों के लिए 10 नए सीए कोल्ड स्टोर बनाने के लिए 500 करोड़ और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों पर प्रदेश में नदियों के किनारे बसे शहरों के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने के लिए 500 करोड़ जारी करने का आग्रह किया। कोल्ड स्टोर की सुविधा से मंडियों में फसलों की आवक को नियंत्रित किया जा सकेगा। इससे फसलों के दाम किसानों-बागवानों को उचित मिल सकेंगे। 

प्री बजट मीटिंग में हिमाचल से जुड़े मुद्दे केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष उठाए हैं। उम्मीद है कि आगामी बजट में केंद्र सरकार प्रदेश के हितों से जुड़े इन मुद्दों पर उदारता दिखाएगी। – हर्षवर्धन सिंह चौहान, उद्योग मंत्री

भानुपल्ली-लेह रेललाइन को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित करे केंद्र
हिमाचल प्रदेश ने सामरिक महत्व के भानुपल्ली-लेह रेललाइन प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित करने की मांग उठाई है। हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि प्रदेश इस प्रोजेक्ट का खर्चा वहन करने में सक्षम नहीं है। चीन सीमा तक यह रेललाइन पहुंचेगी, इसलिए इसका खर्च केंद्र को उठाना चाहिए। प्रदेश की कठिन भौगोलिक स्थिति के चलते दुर्गम क्षेत्रों को सड़कों के अलावा रोप-वे से जोड़ा जा सकता है। इसलिए केंद्र से रोप-वे प्रोजेक्टों को पीएमजीएसवाई में शामिल करने की मांग उठाई गई है। हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने के लिए विद्युत चलित बसों की खरीद को नाबार्ड से ऋण की मंजूरी का मामला भी उठाया है।

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