बल्ह के ‘लाल सोने’ की खेतों में ही रही सौदेबाजी, इन राज्यों के पहुंचे हैं आढ़ती, दाम गिरे

बल्ह घाटी का ‘लाल सोना’ यानी टमाटर की फसल इस बार भी हाथोंहाथ बिक रही है। हालांकि इस बार बीते वर्ष की तरह उम्दा दाम तो नहीं मिल रहे हैं। इसके बावजूद उत्तर भारत को बल्ह घाटी का टमाटर सप्लाई हो रहा है। इस बार दामों में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। टमाटर खरीदने के लिए विभिन्न राज्यों से आढ़तियों ने इन दिनों बल्ह घाटी में डेरा डाल दिया है। ये किसानों की हाथोंहाथ फसल खरीदकर मंडियों तक पहुंचा रहे हैं।

इन दिनों पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, के आढ़ती बल्ह घाटी में पहुंचकर टमाटर खरीद रहे हैं। मंडियों में महाराष्ट्र, बंगलूरू पंजाब का टमाटर आने से एकदम टमाटर का रेट गिर गया है। बीते दिनों 700 रुपये क्रेट तक बिक रहा बल्ह घाटी का टमाटर अब 400 रुपये पहुंच गया है। हालांकि खेताें से सीधे सौदेबाजी हो रही है और टमाटर धड़ाधड़ बिक रहा है। इससे किसानों की फसल को मंडियों तक पहुंचाने की परेशानी भी कम हो रही है। रोजाना लगभग दो हजार से अधिक गाड़ियां बल्ह घाटी से उत्तर भारत में टमाटर लेकर रवाना हो रही हैं।

अलग-अलग मंडियों में यह टमाटर बिक रहा है। इस बार 1200 हेक्टेयर भूमि पर बल्ह घाटी में टमाटर फसल उगाई गई है। जोकि बीते वर्ष के मुकाबले 200 हेक्टेयर अधिक है। बीते वर्ष टमाटर के उम्दा दाम मिलने के बाद युवाओं ने इसमें रुचि दिखाई है। ढांगू से राकेश ठाकुर, नागचला से गंगाराम, धनदेव, राजगढ़ से रमेश ठाकुर, सटोह से डिंपल सैनी, रामू सैनी, छातदू से संतराम, कुम्मी से जोगी व अन्य ने बताया कि बाहरी राज्यों को टमाटर फसल की खेप सप्लाई हो रही है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में दूसरे राज्यों से टमाटर फसल खत्म होने के बाद यहां के टमाटर के दाम में उछाल आएगा।

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