# मंडी में फोटो स्टूडियो चलाने वाले पवन शर्मा संघर्ष कर बन गए फिल्म निर्देशक, जानें पूरी कहानी…

Success Story Pawan Sharma who ran a photo studio in Mandi struggled and became a film director

छोटी काशी मंडी में फोटो स्टूडियो से कॅरिअर शुरू करने वाले फिल्म निर्देशक पवन शर्मा की बदौलत मंडी में पहली बार फिल्म फेस्टिवल हो रहा है। ब्रिणा और करीम मोहम्मद जैसी फिल्मों में निर्देशन कर चुके पवन शर्मा जिले के इकलौते शख्स हैं, जिन्होंने 1985 में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) दिल्ली ज्वाइन किया था।

पवन शर्मा बताते हैं कि वे नाइट कॉलेज में पढ़ते थे। तब उन्हें ढोलक बजाने, नाटक करने और रामलीला में अभिनय करने का शौक था। उनकी प्रतिभा को कॉलेज के प्रोफेसर रमेश रवि, कृपाल और डीएन कपूर ने पहचाना और यूथ फेस्टिवल में नाटक के लिए तैयार किया। कहते हैं कि उस समय उन्हें हिंदी भी सही बोलने नहीं आती थी।

उन्होंने इसमें सुधार के लिए काफी मदद की। इसके बाद बोना बादल सरकार के कार्यकाल और बांठड़ा कार्यक्रम में हिस्सा लिया। बांठड़ा नाटक से शहर की अव्यवस्थाओं को इंटरटेनमेंट के जरिए दिखाया गया। इसके बाद उन्हें शिमला में वर्कशॉप में जाने का मौका मिला। यहां कई बड़े कलाकार पहुंचे हुए थे। एक माह की वर्कशॉप के बाद उन्हें दिल्ली में एनएसडी में साक्षात्कार के लिए चयनित किया गया। उनका मुख्य कार्यक्रम बांठड़ा था, जिसमें उन्होंने टॉप किया।

पवन ने बताया कि इसके बाद दिल्ली में जीजा एसएस कौशल ने स्कूल में दाखिले के लिए फार्म भरवाया। तब 20 सीट थी और करीब 20 हजार ने अप्लाई किया था। 20 सीट में चार विदेशी जबकि 16 भारत के कलाकार होते हैं। दीदी हेमलता गायिका थीं तो उन्होंने लिस्ट देखी तो उसमें आठवां नंबर था। इसके बाद घर आ गया। कुछ दिन बाद टेलीग्राम आया और एनएसडी दिल्ली में ज्वाइन करने को कहा।

इस दौरान फोटो स्टूडियो में प्रो. रवि, हेमंत समेत अन्य बैठे थे। तभी सुंदरनगर से माता उमा देवी आईं और घर का बड़ा बेटा होने के कारण उन्होंने जाने से मना कर दिया। तब स्टूडियो में बैठे प्रोफेसरों ने बधाई दी तो माता भेजने के लिए तैयार हो गईं। इसके बाद दुकान का जिम्मा दोनों भाइयों पर छोड़ दिया।

दिल्ली में ट्रेनिंग के बाद 1985 में मुंबई पहुंच गए और कई फिल्मों में काम किया। वे अभी तक चार फिल्में बना चुके हैं, जिन्हें कई अवॉर्ड प्राप्त हो चुके हैं। हाल में उन्होंने वनरक्षक ग्लोबल वार्मिंग फिल्म तैयार की है। पवन शर्मा ने बताया कि नए कलाकार काम नहीं सीखना चाहते हैं। वे सीधे ही करने लग जाते हैं। इसी वजह से वे पिछड़ रहे हैं। किसी भी काम के लिए संघर्ष करना बेहद जरूरी है।

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