देश में जल्द ही नगर निकायों का भी ऑडिट होगा। नियंत्रक महालेखाकार कार्यालय ने इस संबंध में तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। अभी तक नगर निकायों के ऑडिट राज्य स्तर पर होते हैं। अब सीएजी कार्यालय भी ऑडिट करने पर विचार कर रहा है। शिमला के दौरे पर बीते दिनों आए भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) गिरीश चंद्र मुर्मू ने इस बाबत संकेत दिए हैं। मुर्मू ने कहा कि जहां भी केंद्र सरकार से ग्रांट जाती है वहां ऑडिट करने का सीएजी कार्यालय को एक्ट में अधिकार है।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि भारत सहित विभिन्न देशों के शीर्ष सरकारी लेखा परीक्षक क्षेत्रीय और नगर निकायों के लेखा परीक्षा के लिए एक वैश्विक रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रमों को आम आदमी तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली संस्थाओं के जमीनी स्तर के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए कवायद शुरू की गई है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक गिरीश चंद्र मुर्मू ने बताया कि नगर निकायों के प्रदर्शन का आकलन ऑडिट के माध्यम से करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय ढांचा विकसित किया जा रहा है। बेहतर ऑडिट मानकों से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि विभिन्न योजनाओं का अंतिम छोर तक प्रभावी वितरण भी होगा।
2.62 लाख स्थानीय निकाय हैं देश में
मुर्मू ने कहा कि अकेले ग्रामीण भारत में 2,62,000 स्थानीय निकाय मौजूद हैं। स्थानीय निकायों को केंद्र सरकार के कुल विभाज्य कर पूल का 4.2 फीसदी सीधे मिलता है, जो सालाना अरबों रुपये में होता है। उन्होंने बताया कि कई राज्योंं ने अपने नगर निकायों का ऑडिट करवाने के लिए उनके कार्यालय के साथ एमओयू भी किया है। पूरे देश में निकायों का ऑडिट करने के लिए योजना पर काम जारी है।