राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) आपदा के दौरान संचार के लिए हैम रेडियो खरीदने वाले लोगों को 80 प्रतिशत सब्सिडी या 60 हजार रुपए का मुआवजा देगा। यह पहल आपदाओं के दौरान संचार के साधनों को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई है। इससे संकट के समय में सूचना आदान-प्रदान में किसी प्रकार की बाधा नहीं होगी। प्रदेश सरकार की आपातकालीन स्थितियों के दौरान वैकल्पिक संचार के लिए शौकिया (एचएएम) और सामुदायिक रेडियो को बढ़ावा देने की योजना के तहत यह छूट दी जा रही है।
इस योजना के अंतर्गत, हैम रेडियो खरीदने वाले लोग खर्च का 80 प्रतिशत हिस्सा प्राधिकरण से पा सकेंगे। यह कदम विशेष रूप से उन इलाकों के लिए फायदेमंद साबित होगा जहां आपदाओं के दौरान पारंपरिक संचार साधन जैसे मोबाइल और टेलीफोन सेवाएं बाधित हो जाती हैं। हैम रेडियो को आपदा के समय संचार के महत्वपूर्ण साधन के रूप में देखा जाता है। यह बिना किसी नेटवर्क पर निर्भर हुए सीधा और प्रभावी संचार सुनिश्चित कर सकता है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने 45 हैम ऑपरेटरों को प्रशिक्षित भी किया है। इन ऑपरेटरों को आपदा के समय आपातकालीन संचार को संचालित करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। यह प्रशिक्षण न केवल तकनीकी ज्ञान को बढ़ाने के लिए है, बल्कि आपदा प्रबंधन के समय सामुदायिक सहयोग और प्रभावी संचार को भी सुनिश्चित करेगा। प्रशिक्षित ऑपरेटर आपदा के समय आवश्यक जानकारी और सहायता देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे
आपदा के लिहाज से प्रदेश संवेदनशीन
एसडीएमए की रिपोर्ट कि मुताबिक हिमाचल प्रदेश चिह्नित 33 प्राकृतिक आपदाओं में से 25 के लिहाज से संवेदनशील है। प्रदेश में भूकंप, भूस्खलन, बादल फटने, बाढ़ और जंगलों की आग के लिहाज से अति संवेदनशील है। ऐसे में मोबाइल संचार प्रणाली ठप हो सकती है। आपदा के दौरान वैकल्पिक संचार प्रणाली बनाने के लिए हैम ऑपरेटरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
हैम रेडियो ऐसे करता है काम : हैम रेडियो एक रेडियो सेवा है जो रेडियो फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम का उपयोग करती है। इसका उपयोग रेडियो संचार के लिए किया जाता है। इसे संचालित करने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है। हैम रेडियो ऑपरेटर एक ट्रांसमीटर और रिसीवर से सिग्नल भेजते और प्राप्त करते हैं। इससे वे दुनिया भर में संचार स्थापित कर सकते हैं।
प्राकृतिक आपदाओं के दौरान हैम रेडियो का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। यह रेडियो फ्रीक्वेंसी का उपयोग करती है। आपातकालीन संचार, राहत कार्यों का समन्वय और आवश्यक जानकारी के आदान-प्रदान में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
हैम रेडियो का उपयोग बिजली कटौती और अवरोधों के बावजूद संचार बनाए रखने के लिए किया जाता है। -डॉ. कृष्ण चंद, एसडीएमए के क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण विशेषज्ञ