बीते वर्ष अक्तूबर में कारगिल में ग्लेशियर की चपेट में आए भारतीय सेना के जवान की नौ माह बाद पार्थिव देह बरामद हुई है। किन्नौर जिले की तरांडा पंचायत के शहीद रोहित नेगी(32) की पार्थिव देह 5 जुलाई को बरामद हुई। मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ पैतृक गांव में शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। बीते वर्ष अक्तूबर में सीमा पर जवानों को ट्रेनिंग देने के दौरान हवलदार ट्रेनर रोहित नेगी सहित चार जवान कारगिल में ग्लेशियर की चपेट में आ गए थे। इसके बाद लापता जवानों की तलाश की गई, लेकिन सर्दियों का मौसम शुरू होने के बाद कुछ समय तक सर्च ऑपरेशन रोकना पड़ा।
बीते 28 जून को फिर से ग्लेशियर में दबे लापता जवानों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। आठ दिन के सर्च ऑपरेशन के बाद ग्लेशियर से तीन जवानों के शव बरामद हुए, जिनमें डोगरा स्कॉट के ट्रेनर हवलदार रोहित नेगी का शव भी शामिल था। रोहित के परिजन बीते नौ माह से अपने बेटे की सलामती की उम्मीद लगाए हुए थे, लेकिन 5 जुलाई को उन्हें रोहित के मृत अवस्था में मिलने की सूचना मिली। कारगिल से वायुमार्ग के जरिये जवान के शव को चंडीगढ़ तक पहुंचाया गया और यहां से आगे वाहन से शव को किन्नौर पहुंचाया गया।
रोहित के छह सदसीय परिवार में पिता अमर सिंह नेगी, माता कृष्णा देवी, पत्नी भारत लक्ष्मी नेगी, बेटा प्रणव, बेटी समायरा, छोटा भाई राहुल शामिल हैं। मंगलवार को किन्नौर जिले के प्रवेशद्वार चौरा में शहीद का शव सुबह 8:30 बजे पहुंचा। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में जिले भर से लोग पहुंचे। जवान की पार्थिव देह सुबह करीब 10:45 बजे उसके पैतृक गांव तरांडा पहुंचाया गया। इसके बाद भारतीय सेना, आईटीबीपी, पुलिस जवानों और हजारों ग्रामीणों ने शहीद को श्मशान पर अंतिम विदाई दी। इस दौरान जिला प्रशासन से एसी विजय कुमार, कार्यवाहक एसडीएम भावानगर अरूण शर्मा, पंचायत प्रधान हरि भगत नेगी सहित अन्य मौजूद रहे।