# रिज से सटे क्षेत्र और दुकानों में दरारें बढ़ीं, पानी के टैंक को हुआ खतरा…

Cracks increased in the area and shops adjacent to the ridge Shimla, water tank in danger

रिज मैदान पर पदमदेव परिसर से सटे क्षेत्र में जमीन धंसना शुरू हो गई है। रिज टैंक से सटे इस क्षेत्र में बारिश का पानी रिसने से लगातार जमीन पर दरारें बढ़ रही हैं। इससे रिज मैदान के अलावा रिज टैंक को भी खतरा हो गया है। नगर निगम ने इसे खाली करने के आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन अभी तक किसी ने भी दुकानों से सामान नहीं हटाया है। संवाददाता ने मंगलवार को इस क्षेत्र का जायजा लिया।

ऐतिहासिक रिज मैदान पर घोड़ों को बांधने वाली जगह से सटे क्षेत्र में जमीन लगातार धंस रही है। करीब 80 मीटर लंबे इस क्षेत्र में जगह-जगह जमीन पर पड़ी नई पुरानी दरारें खतरे का संकेत दे रही हैं। मौके पर हालत यह है कि लगातार धंस रही जमीन के कारण पैदल रास्ते, सीढि़यों समेत कई दुकानें भी टूट गई हैं। जमीन धंसने से रिज मैदान और टैंक को भी खतरा पैदा हो गया है। यदि यहां जल्द राहत कार्य शुरू नहीं किए तो तिब्बती मार्केट की तरह यहां भी भूस्खलन हो सकता है। इस क्षेत्र में 15 से ज्यादा दुकानें हैं। इनमें ज्यादातर ढाबे हैं।  इसके अलावा सैलून और कुछ दुकानें भी शामिल हैं। रिज से यहां जाने के दो रास्ते हैं। दोनों जगहों पर जमीन बड़े पैमाने पर धंस रही है। ढाबों में पानी की व्यवस्था के लिए रिज टैंक की ओवरफ्लो पाइप से एक छोटी पाइपलाइन जोड़ी है। नगर निगम ने इसे बंद करने के लिए भी कंपनी को निर्देश दिए हैं। इन दुकानों के बीच पानी की निकासी की कोई व्यवस्था तक नहीं है। 

 शौचालय न होने से जगह जगह गंदगी फैली है। बारिश और रिज से बहने वाला पानी इस क्षेत्र में रिस रहा है। इससे जमीन धंसने का खतरा बढ़ गया है। यहां पर बनी तकरीबन सभी कच्ची ढारानुमा दुकानें हैं जो कई साल से यहां चल रही हैं। नगर निगम के अनुसार यह सारा अवैध निर्माण है। जमीन दरकने से दुकानदारों में दहशत का माहौल है। जमीन और धंसी तो यहां भारी नुकसान हो सकता है। नगर निगम के कार्यकारी संयुक्त आयुक्त डॉ. चेतन चौहान ने कहा कि तकनीकी अधिकारियों की टीम मौके का निरीक्षण कर चुकी है। इसके बाद ही इसे खाली करवाया जा रहा है।

सिंकिंग जोन है यह पूरा क्षेत्र
नगर निगम के अनुसार यह पूरा सिंकिंग जोन हैं। रिज टैंक के निर्माण के दौरान निकला मलबा इस क्षेत्र में फेंका था। इसके कारण ही रिज के गेयटी थियेटर के सामने वाला हिस्सा और तिब्बती मार्केट में भी भूस्खलन हो चुका है। इसी तरह लक्कड़ बाजार की ओर भी जगह-जगह सड़कों पर दरारें पड़ रही हैं। निगम के अनुसार यहां विशेषज्ञों की सलाह के बाद ही भवन निर्माण हो सकता है। मौके पर दुकानें चला रहे लोगों का कहना है कि निगम गलत तरीके से उन्हें यहां से शिफ्ट कर रहा है। कुछेक दुकानदारों का कहना है कि निगम को जमीन धंसने से बचाने के लिए कदम उठाना चाहिए। कुछेक निगम से दूसरी जगह दुकानें लगाने की मंजूरी मांग रहे हैं। मंगलवार शाम तक किसी ने दुकानें खाली नहीं की है।  निगम ने इन्हें सात दिन के भीतर इस क्षेत्र को खाली करने के आदेश दिए हैं।

टुटीकंडी में बंगाली बगीचा में चार पेड़ गिरे 
 राजधानी के टुटीकंडी क्षेत्र में बंगाली बगीचा के आसपास मंगलवार को चार पेड़ गिर गए। इससे लोगों में दहशत है। सुबह करीब 10 बजे पहला पेड़ गिरा। इसके बाद तीन और पेड़ गिर गए। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी जिसके बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे। टुटींकंडी क्षेत्र डिप्टी मेयर उमा कौशल के वार्ड में आता है। बीते साल हुए भूस्खलन का मलबा अभी तक नहीं उठाया है। वन विभाग के आरओ सौरभ जिंगटा ने बताया कि पेड़ जंगल के इलाकों में गिरे हैं और इससे किसी को चोट नहीं आई है। पेड़ बिजली की तारों पर गिरा था जिस कारण इलाके में विद्युत आपूर्ति बाधित रही। शहर में खतरनाक पेड़ों को कटवाने के  लिए 450 आवेदन आए हैं। लेकिन अभी इनका निरीक्षण ट्री कमेटी नहीं कर सकती है। अभी तक शहर में 12 पेड़ गिर चुके हैं। 

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