हिमाचल प्रदेश के तीन विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनाव के नतीजे शनिवार को घोषित हो चुके हैं। नालागढ़ सीट से कांग्रेस के हरदीप सिंह बावा, देहरा से मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर ने जीत दर्ज की है। वहीं हमीरपुर सीट से भाजपा के आशीष शर्मा ने उपचुनाव जीता है। उपचुनाव नतीजों के बाद अब विधानसभा में विधायकों की संख्या फिर 68 हो गई है। कांग्रेस के पास अब 40 विधायक हो गए हैं। वहीं भाजपा के विधायकों की संख्या 28 हो गई है। उपचुनाव में कांग्रेस ने जहां दोनों सीटें काफी अंतर से जीतीं, वहीं भाजपा ने एक सीट कांटे की टक्कर के बाद जीती।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के करीब डेढ़ साल बाद तीन निर्दलियों ने इस्तीफे के 40 दिन बाद उपचुनाव हुए। भाजपा ने तीनों निर्दलियों को उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया। पूरे उपचुनाव के दौरान सीएम सुखविंद्र सुक्खू व कांग्रेस पार्टी ने जनबल बनाम धनबल का मुद्दा बनाया। सीएम सुक्खू देहरा व अन्य चुनाव क्षेत्रों में बार-बार जनबल जीतेगा, धनबल हारेगा का नारा देते रहे जोकि प्रभावी रहा।
निर्दलियों के इस्तीफे को जनता से धोखा बताया। हाल ही में हुए उपचुनाव के नतीजों का असर भी इस उपचुनाव में देखने को मिला। यही वजह रही कि देहरा में सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर ने भाजपा के होशियार सिंह को 9,399 मतों के अंतर से पराजित किया।
हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में कांटे की टक्कर के बीच भाजपा प्रत्याशी आशीष शर्मा ने जीत जरूर दर्ज की लेकिन मार्जन बहुत कम रहा। उन्होंने कड़े मुकाबले में कांग्रेस के डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा को 1571 मतों से हराया। आशीष की जीत में सांसद अनुराग ठाकुर का योगदान अहम माना जा रहा है। वहीं मुख्यमंत्री का ज्यादा फोकस देहरा पर रहा और गृह जिले में उनकी हार हुई।
नालागढ़ में कांग्रेस के हरदीप सिंह बावा ने भाजपा से केएल ठाकुर को 8,990 मतों से हराया। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय जीते केएल ठाकुर के इस्तीफे से लोगों में रोष भी इसकी एक वजह माना जा रहा है। वहीं स्व. पूर्व विधायक हरिनारायण सैणी के भतीजे हरप्रीत सिंह ने कांग्रेस और भाजपा के सियासी समीकरण उलझा दिए। सैणी ने भाजपा से बागी होकर बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा और 13,025 वोट हासिल किए। ये भी भाजपा की हार का प्रमुख कारण रहा।