हिमाचल प्रदेश सरकार से लाइसेंस लेने के बाद होमस्टे को लीज पर देने वालों के खिलाफ अब कड़ी कार्रवाई होगी। सरकार लीज पर चल रहे होमस्टे का लाइसेंस रद्द करने का फैसला लेने जा रही है। प्रदेश में 4,146 होमस्टे पंजीकृत हैं, जिनमें से करीब 60 फीसदी लीज पर चल रहे हैं। होमस्टे नियम-2008 के तहत जिस व्यक्ति के नाम लाइसेंस जारी हुआ है, उसे ही होमस्टे का संचालन करना होगा और उसी भवन में रहना होगा, जहां होमस्टे चल रहा है। प्रदेश में चल रहे एक हजार से अधिक गैर पंजीकृत होमस्टे और बीएंडबी भी बंद किए जाएंगे। होमस्टे नियम-2024 में बदलाव को लेकर गठित मंत्रिमंडलीय उप-समिति की अगले हफ्ते होने वाली बैठक में कड़े फैसले लेने की तैयारी है।
पर्यटन विकास एवं पंजीकरण कानून 2002 के तहत गैर पंजीकरण के चल रही इकाइयों के संचालकों को छह महीने की सजा और 10 हजार जुर्माने का प्रावधान था। सरकार ने संशोधन विधेयक में छह महीने की सजा को खत्म कर जुर्माने की राशि 10 हजार से बढ़ाकर एक लाख करने का प्रावधान किया है। पंजीकरण के बाद लाइसेंस की अवधि भी पांच साल से घटाकर दो साल करने की योजना है। बाहरी राज्यों के लोगों की ओर से चलाए जा रहे होमस्टे भी बंद किए जाएंगे। सिर्फ हिमाचल के लोग ही संचालन कर सकेंगे। पंजीकरण और नवीनीकरण शुल्क में बढ़ोतरी का भी प्रस्ताव है। सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी के लिए होम स्टे पर सुविधाओं के आधार पर सेस लगाने पर भी विचार किया जा रहा है। होम स्टे के साथ बेड एंड ब्रेकफास्ट इकाइयों को भी पर्यटन विभाग की कार्यवाही के दायरे में लाने का भी प्रस्ताव है।
होमस्टे नियम-2024 में बदलाव को लेकर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उप-समिति का गठन किया गया है। 23 जुलाई को होने वाली उप-समिति की आगामी बैठक में कड़े फैसले लिए जा सकते हैं। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह और नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी उप-समिति के सदस्य हैं। पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग की निदेशक मानसी सहाय ठाकुर उप-समिति की सदस्य सचिव हैं।
होम स्टे के तहत चल रहे 16,635 कमरे
प्रदेश में संचालित 4,146 होम स्टे के तहत प्रदेश में 16,635 कमरे संचालित हो रहे हैं, जिनकी बेड क्षमता 25511 है। कुल्लू जिले में सबसे अधिक 1,015 होमस्टे पंजीकृत हैं। होम स्टे में डबल बेडरूम की संख्या 12,171 है।