रिकॉर्ड नहीं देने वाली हेलिकाॅप्टर कंपनियों पर शिकंजा, जानें क्या है पूरा मामला

राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद चंडीगढ़ और उत्तराखंड के होटलों में ठहरने और हवाई यात्राओं के मामले में हेलिकाॅप्टर  कंपनियों की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ने वाली हैं। 16 जुलाई को सुनवाई में निचली अदालत ने पुलिस को इस मामले में सीआरपीसी की धारा 39 के तहत सर्च वारंट जारी कर दिए हैं। इससे आने वाले दिनों में हेलिकॉप्टर कंपनियों पर जांच का शिकंजा कस सकता है।   बता दें कि जिला पुलिस इससे पहले कई बार हेलिकाॅप्टर कंपनियों से तत्कालीन विधायकों की हवाई सेवाओं का रिकॉर्ड और इस पर खर्च होने वाली राशि का ब्योरा मांग चुकी है लेकिन कंपनियां रिकॉर्ड देने में आनाकानी करती रही। 

  इससे पुलिस की जांच प्रभावित हो रही थी। इसको देखते हुए पुलिस ने मामले में अदालत से सीआरपीसी की धारा 39 के तहत सर्च वारंट की गुहार लगाई थी। इसको लेकर निचली अदालत ने सर्च वारंट जारी कर दिया है। अब पुलिस हेलिकाॅप्टर  कंपनियों के कार्यालयों में दबिश देकर मामले से संबंधित दस्तावेजों को हासिल कर सकेगी। सूत्रों के मुताबिक इसको लेकर पुलिस ने तैयारियां भी शुरू कर दी है और आने वाले एक-दो दिनों में पुलिस टीमें हेलिकाॅप्टर कंपनियों के कार्यालयों में दबिश दे सकती है। 

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