हिमाचल प्रदेश के करीब 275 पटवारियों और कानूनगो ने अतिरिक्त कार्यभार देख रहे सर्किल में सेवाएं देना बंद कर दी हैं। उन्होंने गुरुवार को इन सर्किल में ताला लगाकर चाबियां तहसीलदार या नायब तहसीलदार को सौंप दी हैं। स्टेट कैडर और अन्य दूसरी मांगों को लेकर इन कर्मचारियों ने ऑनलाइन काम बंद किया है। उधर, प्रदेश सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी जिला उपायुक्तों को ऐसे पटवारी-कानूनगो के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कहा है कि सर्किल बंद करना सरकारी कर्मचारी के लिए अशोभनीय है और सीसीएस (आचरण) नियम, 1964 का उल्लंघन है। अगर दो दिन में ऑनलाइन सेवाएं शुरू नहीं कीं तो निलंबन के साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इधर, पटवारी-कानूनगो संघ का कहना है कि वह सरकार की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। सरकार की ओर से उपायुक्तों को जारी आदेशों में कहा गया है कि पटवारियों-कानूनगो को ऑनलाइन कार्यों को शुरू करने के लिए सख्त सलाह जारी की जाए। उन्हें आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल होने और अन्य जिम्मेदारियां निभानी होंगी। अगर दो दिनों के भीतर इन निर्देशों का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी। पटवारी-कानूनगो ने जब से ऑनलाइन काम छोड़ा है, उस अवधि से लेकर आज तक की उनकी सेवाओं को सेवा में ब्रेक के साथ ‘डाइस-नॉन’ माना जाएगा। सरकारी आदेशों की अवहेलना करने पर निलंबन सहित अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू की जाएगी।
सरकार के दरवाजे बातचीत के लिए खुले
उधर, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व ओंकार शर्मा ने कहा है कि कानूनगो और पटवारियों को ऑनलाइन सेवाएं शुरू करने को कहा गया है। कहा कि सरकार के दरवाजे बातचीत के लिए खुले हैं। किसी भी सरकारी कर्मचारी की ओर से कोई भी कार्रवाई जो हिमाचल प्रदेश की आम जनता के हितों के खिलाफ है, सरकार को स्वीकार नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों को परेशानी न हो, इसके चलते जिला उपायुक्तों को कार्रवाई के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
मांगें नहीं मानीं तो पेनडाउन हड़ताल
पटवारी-कानूनगो संघ के प्रदेशाध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा है कि प्रदेश सरकार की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। पटवार सर्किल में न ब्रॉडबैड है, न ही प्रिंटर। ऐसे में लोगों को ऑनलाइन कैसे सेवाएं दे सकते हैं। कहा कि प्रदेश सरकार ने पटवारी-कानूनगो का स्टेट कैडर किया है। सरकार का यह फैसला कर्मचारियों को मंजूर नहीं है। प्रदेश में जिन पटवारी, कानूनगो के पास सर्किल का अतिरिक्त कार्यभार था, उसकी चाबियां तहसीलदार को सौंप दी गई हैं। अगर सरकार मांगें नहीं मानती है तो पेनडाउन हड़ताल होगी।