सभी विभागों को 31 अक्तूबर तक देनी होगी खर्च की पूरी रिपोर्ट, निर्देश जारी

All departments will have to submit full expenditure report by October 31, instructions issued

 सरकारी खर्च पर नियंत्रण और वित्तीय प्रबंधन में सुधार के लिए हिमाचल प्रदेश के वित्त विभाग ने सभी विभागों को निर्देश जारी किए हैं। विभागों को 31 अक्तूबर तक विस्तृत व्यय रिपोर्ट वित्त विभाग को प्रस्तुत करनी होगी। इसमें बचतों और निर्धारित से अधिक बजट व्यय का ब्योरा देना होगा। वित्तीय वर्ष की पहली छमाही के लिए वास्तविक खर्च और शेष महीनों के लिए अनुमानित खर्च की रूपरेखा देनी होगी। दूसरी आधिक्य एवं बचत विवरणिका में आठ महीनों यानी 30 नवंबर तक का वास्तविक व्यय और शेष चार महीनों के संभावित व्यय की जानकारी देनी होगी।

अनुपूरक बजट अनुरोध इस जानकारी पर आधारित होंगे। वित्त विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने सभी प्रशासनिक सचिवों को इन आदेशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों के अनुसार सरकार ने देखा है कि हाल के वर्षों में कई विभाग जरूरत से ज्यादा खर्च कर रहे हैं और संभावित बचत का आकलन कम कर रहे हैं। वे आधिक्य और बचत के भी अनुमानित आंकड़े दे रहे हैं। 

इससे गलत वित्तीय योजना और अनावश्यक बजट अनुरोध सामने आए हैं। इस विषय के समाधान के लिए विभागों को अब किसी भी अधिक खर्च या बचत के लिए स्पष्ट और उचित कारण बताने होंगे। वित्त विभाग ने सटीक वित्तीय आंकड़ों के महत्व पर जोर दिया है। किसी भी विसंगति को जांचा जाएगा। इन निर्देशों के अनुसार प्रथम आधिक्य एवं अभ्यर्पण विवरणिकाएं 31 अक्तूबर तक वित्त विभाग को उपलब्ध हो जाना चाहिए। 

 इसके अंतर्गत चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों यानी 30 सितंबर तक के वास्तविक व्यय और बकाया महीनों के संभावित व्यय के संभावित व्यय के आंकड़े दर्शाए जाने चाहिए। इसी जिन लेखा शीर्षों और मानकों में बचतें दर्शाई जा रही हैं, उनमें विभागध्यक्ष डीडीओ से पहले ही सरेंडर लेना सुनिश्चित किया जाए। वित्त विभाग को इन बचतों को ई-बजट सॉफ्टवेयर में लेना होता है। इन निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करने को कहा गया है। 

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