हिमाचल प्रदेश में ग्राउंड मांउटेड सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए बेरोजगारों के लिए स्वरोजगार की राह आसान हो गई है। प्रदेश सरकार ने योजना में ग्राउंड मांउटेड (ग्रिड कनेक्टेड) सोलर पावर प्लांट लगाने की पहले आओ, पहले पाओ की निर्धारित सीमा की शर्त को हटाया दिया है। लोग अब इस स्कीम के लिए साल में कभी भी आवेदन कर सकते हैं। दस्तावेजों की प्रक्रिया पूरी होने के एक हफ्ते में ही प्लांट को स्थापित करने की मंजूरी मिलेगी। हिम ऊर्जा विभाग की 2023-24 की स्कीम में पहले आओ पहले पाओ के आधार पर प्रोजेक्ट का आवंटन किया जाने का प्रावधान था।
इस दौरान कई लोग निर्धारित समय में दस्तावेज पूरा न करने के कारण वंचित रह जाते थे, लेकिन अब सरकार ने इस पाबंदी को खत्म कर दिया है। अब इच्छुक लोग कभी भी 250 किलोवाट से 5 मेगावाट तक के सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने के लिए दस हजार से लेकर 1 लाख रुपये आवेदन शुल्क के साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इससे जहां रोजगार के अवसर सृजित होंगे वहीं बंजर पड़ी निजी भूमि को भी उपयोग में लाया जा सकेगा। इन परियोजनाओं की स्थापना निजी भूमि पर की जाएगी। ग्रिड से कनेक्टिड होने वाले इन प्लांट से राज्य बिजली बोर्ड सोलर पावर खरीदेगा। हिम ऊर्जा के निदेशक एनएस चौहान ने बताया कि ग्राउंड मांउटेड सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट को स्थापित करने के लिए अब निर्धारित सीमा की शर्त को हटा दिया है।
ऐसे करना होगा आवेदन
परियोजना की स्थापना के लिए स्थायी हिमाचली निवासी व्यक्तिगत तौर पर आवेदन के लिए पात्र हैं। बाहरी राज्य के लोग सिर्फ 5 मेगावाट प्लांट के लिए आवेदन कर सकते हैं। 250 किलोवाट प्लांट के लिए 5 बीघा और 1 मेगावाट प्लांट करीब 20 बीघा जमीन की उपलब्धता होगी। बिजली बोर्ड के सबस्टेशन या वहां से गुजर रही 11 केवी/22 केवी लाइन के समीप वाली भूमि पर लगने वाले प्रोजेक्ट को ग्रिड से कनेक्ट करने में कम खर्च आएगा। निजी भूमि सब स्टेशन से दूर हो तो इस स्थिति में लाइन बिछाने का खर्च और विद्युत हानि आवेदक को वहन करनी होगी। राज्य विद्युत बोर्ड सीमित इन परियोजनाओं से उत्पादित ऊर्जा को राज्य विद्युत नियामक आयोग की ओर से आवंटन की तिथि के समय निर्धारित क्रय दर पर अनिवार्य तौर पर क्रय करेगी।