# सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का युक्तिकरण करने को लेकर शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। 

Teachers appointed in excess of the requirement will go to schools in tribal areas

हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में आवश्यकता से अधिक कार्यरत शिक्षकों को अब जनजातीय क्षेत्रों में नियुक्त किया जाएगा। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का युक्तिकरण करने को लेकर शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। उच्च और प्रारंभिक शिक्षा के जिला उपनिदेशकों को जारी पत्र में जनजातीय क्षेत्रों में रिक्त पड़े पदों को प्रतिनियुक्ति के माध्यम से भरने के आदेश दिए गए हैं। विद्यार्थियों की अधिक संख्या वाले स्कूलों को शिक्षकों की तैनाती करने में प्राथमिकता देने को कहा गया है। बदले जाने वाले शिक्षकों की हर माह 5 तारीख तक उच्च और प्रारंभिक शिक्षा निदेशकों को सूचना देना भी अनिवार्य कर दिया गया है।

शैक्षणिक दक्षता बढ़ाने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि उच्च और प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उप निदेशक अब स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर जनजातीय जिलों में शिक्षकों की तैनाती की निगरानी करेंगे। प्रत्येक उप निदेशक को छात्र नामांकन संख्या पर विचार करना होगा और प्रत्येक महीने की 5 तारीख तक विभागाध्यक्ष को स्कूल-वार प्रतिनियुक्तियों का विवरण देते हुए मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। निदेशक पर्याप्त स्टाफिंग सुनिश्चित करने के लिए इन रिपोर्टों की समीक्षा करेंगे। राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश जिला मुख्यालय और उपमंडल मुख्यालयों में स्थित स्कूलों में सरप्लस शिक्षक कार्यरत हैं।

एक ही विषय के कई स्कूलों में दो से तीन शिक्षक कार्यरत हैं। विद्यार्थियों की संख्या कम होने के बावजूद शिक्षकों की कई स्कूलों में आवश्यकता से अधिक नियुक्तियां की गई हैं।  इसी कड़ी में अब शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने शिक्षकों की सभी श्रेणियों जेबीटी, टीजीटी, सीएंडवी, प्रवक्ता स्कूल न्यू का युक्तिकरण करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में सरप्लस शिक्षकों को अब जनजातीय क्षेत्रों के ऐसे स्कूलों में भेजा जाएगा जहां शिक्षकों की भारी कमी है। प्रतिनियुक्ति के आधार पर इन शिक्षकों को जनजातीय क्षेत्रों के स्कूलों में भेजा जाएगा। शिक्षा सचिव ने विभगाीय अधिकारियों से सरप्लस शिक्षकों और कमी से जूझ रहे स्कूलों की सूची तैयार करने के निर्देंश दिए हैं।

शिक्षक उपलब्धता, छात्र नामांकन का उपायुक्त भी करेंगे आकलन
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा माहौल बनाने के लिए अब जिला उपायुक्तों का सहयोग भी लिया जाएगा। इसके तहत उपायुक्त नियमित रूप से शिक्षक उपलब्धता और छात्र नामांकन का आकलन करेंगे और आवश्यक निर्देश प्रदान करेंगे। इस पहल का उद्देश्य क्षेत्रीय शैक्षिक मांगों के साथ शिक्षण संसाधनों को बेहतर ढंग से संरेखित करना है।

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