हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 4,000 प्री प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती पर कैबिनेट बैठक में फैसला होगा। शिक्षा विभाग ने भर्ती के कई विकल्प तैयार कर प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। प्रस्ताव में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मान्यता प्राप्त संस्थानों से दो वर्ष की एनटीटी करने वालों को प्राथमिकता देने की सिफारिश की गई है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती करने का भी प्रावधान किया गया है। प्रदेश सरकार किस विकल्प को मंजूरी देती है, इसका फैसला आगामी कैबिनेट बैठक में होगा। तीन सालों से लंबित भर्ती के लिए एनसीटीई ने हिमाचल सरकार को सुझाव दिया है कि पात्रता पूरी करवाने के लिए खुद दो साल की नर्सरी टीचर ट्रेनिंग करवा सकती है। एनसीटीई दिल्ली इस प्रशिक्षण को करवाने की मंजूरी देने को तैयार है। हिमाचल सरकार से इस बाबत प्रस्ताव मांगा गया है। एनसीटीई ने एक साल के कोर्स को मंजूरी देने से इनकार किया है।नर्सरी टीचर ट्रेनिंग का मान्यता प्राप्त संस्थानों से दो साल का कोर्स करने वाले ही शिक्षक भर्ती के लिए पात्र बताए गए हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एनसीटीई के अधिकारियों ने कहा है कि हिमाचल सरकार चाहे तो जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्रों (डाइट) में दो वर्ष की नर्सरी टीचर ट्रेनिंग करवा सकती है। इसके लिए मंजूरी दे दी जाएगी। दो वर्ष से कम अवधि के किसी भी कोर्स को भर्ती के लिए मान्य नहीं किया जाएगा। न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता पूरी करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी प्री प्राइमरी शिक्षक बन सकती हैं। इसके लिए शिक्षा विभाग के प्रस्ताव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नर्सरी और केजी कक्षा के बच्चों की देखभाल के लिए विशेष कोर्स करवाने का प्रावधान किया गया है। राज्य मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में इस प्रस्ताव को लेकर फैसला होने की संभावना है। सरकार से अगर प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो प्रदेश में जल्द ही प्री प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती हो सकेगी।