# 25% से कम परीक्षा परिणाम देने वाले 17 टीजीटी को नहीं मिलेगी वार्षिक वेतनवृद्धि…

Himachal News 17 TGTs who gave less than 25% exam results will not get annual increment

दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में 25 फीसदी से कम परिणाम देने वाले 17 टीजीटी को इस बार वार्षिक वेतनवृद्धि नहीं मिलेगी। अच्छे परिणाम नहीं देने पर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने यह कार्रवाई की है। स्कूलों में पढ़ाई का माहौल बनाए रखने और शिक्षकों को कड़ा संदेश देने के लिए यह फैसला लिया गया है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों (टीजीटी) को 15 दिन में कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए थे। 17 शिक्षकों की एसीआर में भी इसकी एंट्री की जाएगी। चेतावनी पत्र इन्हें जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि कई ऐसे स्कूल भी हैं, जहां परीक्षा परिणाम शून्य रहा है। बीते दिनों शिक्षा निदेशालय ने स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला से दसवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम की पूरी डिटेल ली थी। इस रिपोर्ट के आधार पर अब कार्रवाई की गई है। रिपोर्ट में पाया गया कि कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जहां शिक्षकों की संख्या पर्याप्त होने के बाद भी परीक्षा परिणाम कम रहा है।

प्रदेश के महाविद्यालयों में सरप्लस शिक्षकों के युक्तिकरण की प्रक्रिया शुरू
प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में सरप्लस शिक्षकों के युक्तिकरण की प्रक्रिया गति पकड़ने लगी है। इस कड़ी में विभाग ने 15 कॉलेज शिक्षकों की ड्यूटी शनिवार से उच्च शिक्षा निदेशालय शिमला में लगाई है। 15 कॉलेज शिक्षकों में सहायक और सह आचार्य शामिल हैं। यह टीम प्रदेशभर के महाविद्यालयों से प्रधानाचार्यों के माध्यम से पूर्व में मंगवाए रिकॉर्ड का संकलन करेगी। साथ ही रिकॉर्ड की छंटनी भी होगी।इस प्रक्रिया में पता लगाया जाएगा कि किस महाविद्यालय में कितने विद्यार्थी किस विषय में दाखिल हैं और संबंधित महाविद्यालय में कितने शिक्षक तैनात हैं। कहां शिक्षक कम हैं और कहां अधिक, शिक्षक का नाम, पढ़ाए जाना वाला विषय और कॉलेज नाम समेत अलग से रिपोर्ट तैयार होगी। रिपोर्ट तैयार होने के बाद सरप्लस शिक्षकों का उन महाविद्यालयों में युक्तिकरण होगा, जहां पर शिक्षकों की कमी है। ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई सुचारू रूप से चल सके और शिक्षक के वेतन पर खर्च होने वाली सरकारी धनराशि का सदुपयोग हो।

वर्तमान में प्रदेश में कई महाविद्यालयों में संबंधित विषय में विद्यार्थियों की संख्या इतनी है कि उन्हें एक या दो शिक्षक पढ़ा सकते हैं, लेकिन वहां पर चार से पांच शिक्षक हैं। कॉलेज प्राचार्यों से मंगवाई गई रिपोर्ट में शिक्षा विभाग और प्रदेश सरकार यही जांचना चाहती है कि युक्तिकरण की जरूरत कहां-कहां पर है। उधर, उच्चतर शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. हरीश कुमार ने कहा कि प्रदेशभर के महाविद्यालयों से प्राप्त रिकॉर्ड को कंपाइल करने के लिए पंद्रह कालेज शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है।

राजकीय अध्यापक संघ ने दिया सचिवालय सेवाएं संघ को समर्थन
प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ के राज्य पदाधिकारियों ने सचिवालय सेवाएं संघ को पूरा समर्थन देते हुए कहा कि महंगाई भत्ता और एरियर उनका हक है। जिस प्रकार से हमारे इस हक को दबाया जा रहा है। उसे देखकर लगता है कि प्रदेश सरकार नहीं चाहती कि कर्मचारी वर्ग कंधे से कंधा मिलाकर सरकार का साथ दें। प्रदेश प्रबंधन सदस्य प्रवीण शर्मा, राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष छामछु सुब्बा, प्रदेश महासचिव एसएस चड्डा, राज्य वरिष्ठ सलाहकार एसी केमटा, जिला कांगड़ा प्रधान राकेश गौतम, जिला महासचिव ओंकार चंद, जिला प्रवक्ता तेज पाल, डॉ. अजय शर्मा व राज्य की समस्त कार्यकारिणी ने सचिवालय सेवाएं संघ अध्यक्ष संजीव शर्मा का समर्थन किया।

इन्होंने कहा कि डीए और एरियर हमारा हक है और इस हक के लिए सचिवालय सेवाएं संघ के साथ हैं। जहां भी जरूरत होगी अध्यापक संघ वहां पहुंच जाएगा। हमेशा से ही सरकार के आला अफसर कर्मचारियों के हकों को किस प्रकार छीना जाए इस पर कार्य करते हैं और खुद लाखों की सेलरी के साथ अन्य भत्ते भी लेते हैं। सरकार की ओर से इन्हें रहने के लिए फ्री फ्लैट मिले हुए हैं, फिर भी कर्मचारियों का शोषण करवाने से बाज नहीं आते।

मिड-डे मील कर्मियों को दिया जाए 12 महीने का वेतन
मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन संबंधित सीटू की राज्य कमेटी का प्रतिनिधिमंडल सात सूत्रीय मांग पत्र को लेकर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से मिला और उन्हें मांग पत्र सौंपा। सीटू के प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने बताया कि प्रदेश में कार्यरत 21 हजार मिड डे मील कर्मियों को मात्र 4,500 रुपये वेतन घोषित किया है जो कई कई महीनों तक नहीं मिलता। उच्च न्यायालय में दायर याचिका पर प्रदेश उच्च न्यायालय की सिंगल बेंच ने वर्ष 2019 और डबल बेंच ने 2024 में फैसला दिया है कि मिड डे मील कर्मियों को 10 महीने के बजाए 12 महीने का वेतन दिया जाए लेकिन प्रदेश सरकार ने अभी तक इस फैसले को लागू नहीं किया गया है। मंत्री रोहित ठाकुर ने मिड डे मील यूनियन की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है। प्रतिनिधिमंडल में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, उपाध्यक्ष जगत राम, बालक राम, यूनियन अध्यक्ष इंद्र सिंह, महासचिव हिमी देवी, सुदेश कुमार, शांति देवी, संदीप कुमार, जानकी, बिमला और रामप्रकाश शामिल रहे।

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