विपक्षी विधायकों के हिमाचल प्रदेश विधानसभा सदन से बाहर जाने के बाद संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि मंडी की लोकसभा सांसद कंगना रणौत के बयान पर विधानसभा के बाहर महिला कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है। ऐसे में भाजपा विधायक कानून व्यवस्था की बात कर रहे हैं। उन्होंने पूछा कि चिट्टा में संलिप्त पार्टियों से इनका क्या संबंध है। चौहान ने कहा कि कंगना ने एक विवादित बयान दिया है। यह हिंदुस्तान के किसानों के खिलाफ दिया है। वह चुनी हुई प्रतिनिधि हैं। विपक्ष सदन से बाहर चला गया। वह यह जानना चाह रहे थे कि इनकी क्या राय है।
कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि जो बयान सांसद कंगना रणौत ने दिया है, उससे पूरा किसान-बागवान वर्ग आहत है। वैसे तो कंगना को उटपटांग बोलने की आदत है। उन्होंने किसानों-बागवानों को बलात्कारी कहा। उन्हें विदेशी ताकतों का एजेंट कहा। इस पर उन्हें बहुत आपत्ति है। कुलदीप राठौर ने कहा कि किसान आंदोलन में 700 किसान शहीद हो गए। कुलदीप सिंह राठौर जब सदन में बोल रहे थे तो उस वक्त विपक्ष भी लौट आया और विरोध करने लगा। इस पर विपक्ष ने हंगामा किया तो राठौर ने कहा कि उन्हें तकलीफ क्यों हो रही है। राठौर ने कहा कि इसका मतलब यह है कि उनकी इससे सहमति है। तीर बिलकुल निशाने पर लगा है।
भाजपा विधायकों की सहमति क्या कंगना के साथ है। इस पर विपक्ष के सदस्य हंगामा करने लगे और नारेबाजी भी शुरू कर दी। इस बीच स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व ने भी कंगना के बयान की निंदा की है। यह सारे समाचार पत्रों में भी रिपोर्ट किया गया है। यह सदन भी इस बयान की निंदा करता है। संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि विपक्ष की राय जानने के लिए इस संबंध में वोटिंग की जाए। विधानसभा अध्यक्ष ने दोहराया कि भाजपा का नेतृत्व इसकी निंदा कर चुका है। सदन भी इसकी निंदा करता है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी कहा कि भाजपा के नेतृत्व ने पहले ही इस बयान की निंदा कर ली है। अब कुछ बचता नहीं है।