अगर हौसला बुलंद हो तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं।बद्दी की कृष्णपुरा पंचायत के 18 साल के गोल्डी के पिता बलिदीन टैक्सी चलाकर परिवार के पांच सदस्यों का भरणपोषण करते हैं।

National Sports Day Special: Uncle showed the way, father supported, Goldie is making name shine in weightlift

अगर हौसला बुलंद हो तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं। कड़े संघर्ष और जज्बे से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। यह सच साबित कर दिखाया है सोलन के गोल्डी खान ने। बचपन में तंगहाली के दौर में चाचा ने राह दिखाई और टैक्सी चालक पिता ने साथ दिया। आज भारोत्तोलन में प्रदेश के लिए गोल्डी सोना जीत रहे हैं। बद्दी की कृष्णपुरा पंचायत के 18 साल के गोल्डी के पिता बलिदीन टैक्सी चलाकर परिवार के पांच सदस्यों का भरणपोषण करते हैं।

सात साल पहले कोच चाचा ने गोल्डी की कद काठी को देखते हुए उसे वेटलिफ्टिंग के लिए प्रेरित किया। इसके लिए अच्छी डाइट और पैसों की जरूरत थी। चाचा के मार्ग दर्शन के बाद पिता बलिदीन ने बेटे का सपना पूरा करने में साथ दिया। चाचा आैर प्रदेश भारोत्तोलन संघ के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप शर्मा ने गोल्डी को 2018 में आर्मी की बॉय स्पोर्ट्स कंपनी जबलपुर भेजा। यहां पढ़ाई के साथ भारोत्तोलन का प्रशिक्षण लिया। चार साल प्रशिक्षण लेने के बाद हिमाचल आए और वेटलिफ्टिंग में जोर लगाना शुरू किया।

अब तक यूथ नेशनल में गोल्ड और खेलो इंडिया में जीत चुके हैं सिल्वर मेडल
2022 में गोल्डी ने यूथ वर्ग के 102 किलोग्राम में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में गोल्ड जीता और राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अपनी जगह पक्की की। 2023 में यूथ नेशनल में प्रदेश के लिए सोना और खेलो इंडिया में रजत पदक हासिल किया। खेलो इंडिया में पदक हासिल करने के बाद गोल्डी खान कांगड़ा के नगरोटा बगवां में खेलो इंडिया अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे हैं।

वेटलिफ्टर गोल्डी खान ने कहा कि अगर इंसान के अंदर जनून है तो वह कुछ भी कर सकता है। सही मार्गदर्शन जरूरी है। युवाओं को अपने खेल पर ध्यान देना चाहिए। आगे बढ़ाने के लिए अच्छा गुरु चाहिए। चाचा ने मेरी प्रतिभा को पहचाना तो पिता ने साथ दिया तो अब कुछ हासिल कर लिया है। देश के लिए खेलते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल लाना मेरा सपना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *