अगर आप दवा विक्रेता की दुकान में खांसी की सिरप खरीदते हैं तो अब आपको अपना मोबाइल नंबर भी देना होगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने दवा विक्रेताओं को निर्देश जारी कर दिए हैं। सिरप खरीदने वाले का डाटा विक्रेता स्वास्थ्य विभाग को देंगे। इसके बाद महकमे की टीम सिरप खरीदने वाले व्यक्ति को कॉल करेगा। कॉल कर व्यक्ति से पूछा जाएगा कि खांसी कब से है। इसके साथ दूसरी जानकारी भी ली जाएगी। महकमे की टीम संदेह होने पर व्यक्ति के बलगम की जांच भी करवाएगी।
खास बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों तक दवा विक्रेता सिरप खरीदने वालों से डाटा लेंगे।क्षय रोग उन्मूलन को लेकर विभाग की ओर से यह कदम उठाया गया है। इससे पहले दवा विक्रेता संदिग्ध मरीजों को बलगम जांच के लिए टेस्ट किट उपलब्ध करवाते थे। साथ ही बताते थे कि किस प्रकार से बलगम सैंपल जांच केंद्र तक पहुंचाना है। अब विभाग ने दवा विक्रेताओं के साथ मिलकर एक ओर पहल की शुरुआत की है। इससे टीबी की रोकथाम में मदद मिलेगी।
प्रदेश को क्षय रोग मुक्त करने का लक्ष्य
गौरतलब है कि सरकार ने इस वर्ष के अंत तक प्रदेश को क्षय रोग मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य की प्रति के लिए स्वास्थ्य महकमा खंड स्तर तक काम कर रहा है। आशा वर्कर और आंगनबाड़ी वर्करों की भी इसमें मदद ली जा रही है।
टीबी रोकथाम पर जोर
अब टीबी की रोकथाम करने के लिए विभाग प्रत्येक व्यक्ति तक अपनी पहुंच बनाएगा। इसके लिए दवा विक्रेताओं की सहायता भी विभाग ले रहा है। दवा विक्रेता को यदि कफ सिरप लेने वाला व्यक्ति नंबर नहीं देगा तो उसे दवा भी नहीं दी जाएगी।
दवा विक्रेता के पास यदि कोई व्यक्ति खांसी की सिरप की मांग करता है तो उसे मोबाइल नंबर देना होगा। इसके लिए दवा विक्रेताओं को निर्देश दिए जा चुके हैं। इससे पहले भी दवा विक्रेता क्षय रोग उन्मूलन अभियान में साथ दे रहे हैं।