# विक्रमादित्य सिंह बोले- केंद्र की मदद से बनेगी जलोड़ी और भुभू जोत टनल…

Vikramaditya Singh said- Jalori and Bhubhu Jot tunnels will be built with the help of the center

हिमाचल प्रदेश में फोरलेन बनाने के लिए अवैज्ञानिक ढंग से की गई कटिंग से आपदा के दौरान प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है। बीते साल आपदा के दौरान कुल्लू-मनाली में हुए नुकसान का बड़ा कारण फोरलेन का बेतरतीब निर्माण रहा।  केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी कुल्लू-मनाली के दौरे के बाद फोरलेन की रिअलाइनमेंट की जरूरत महसूस की थी। टनल निर्माण से आपदा से होने वाला नुकसान घटेगा। केंद्र सरकार की मदद से जलोड़ी और  भुभू टनल का निर्माण किया जाएगा।

विधानसभा सत्र के दौरान नियम 130 के तहत आपदा को लेकर लाए गए प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भविष्य में आपदा से होने वाले नुकसान को कम करने के  लिए विशेषज्ञों की राय के आधार पर निर्माण में बदलाव किए जाएंगे। बीते साल हुए नुकसान के बाद इस साल 20 करोड़ की लागत से बेली ब्रिज और 30 करोड़ से अन्य मशीनरी की खरीद की गई है।   इस साल अब तक लोक निर्माण विभाग को 500 करोड़ का नुकसान हो चुका है। इसकी रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेजी गई है। बीते साल भी विपक्ष ने आपदा में सहयोग नहीं किया और इस साल भी विपक्ष का रवैया सही नहीं है। 

प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में खड्डों का किया जाए तटीकरण : सुरेश
भोरंज से विधायक सुरेश कुमार ने कहा कि बीते साल के कुछ आपदा प्रभावितों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है। ऐसे लोगों को प्राथमिकता के आधार पर राहत मिलनी चाहिए। मैदानी क्षेत्रों में बहने वाली खड्डें भारी तबाही मचाती हैं। इसलिए इनका तटीकरण किया जाना चाहिए। एनएच-70 के बेतरतीब  निर्माण कार्य से लोगों को हो रहे नुकसान का मुआवजा निर्माण कर रही कंपनी से प्रभावितों को दिलाया जाना चाहिए। नेता विपक्ष ने हाथ खड़े करके बयान दिया था कि कांग्रेस सरकार को भगवान भी नहीं बचा सकते, भगवान और विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार बचा दी। 

जारी रखी जाए विधायक निधि से डंगे लगाने की छूट : संजय 
ज्वालामुखी से विधायक संजय रतन ने चर्चा में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि बीते साल आपदा के बाद विधायक निधि से प्रभावित क्षेत्रों में डंगे लगाने की छूट दी गई थी। इस साल आपदा से हुए नुकसान के बाद यह छूट जारी रखी जानी चाहिए। बीते साल आपदा के बाद कई क्षेत्र असुरक्षित घोषित कर दिए गए थे और इन क्षेत्रों की जांच के लिए विशेषज्ञों की राय ली गई थी। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष के दो नहीं, तीन चहरे हैं। एक विधानसभा के अंदर, दूसरा विधानसभा के बाहर और तीसरा भाजपा हाईकमान के सामने।

बांध में पानी उतना रखना होगा, जितनी निकासी हो 
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि बांध सुरक्षा अधिनियम को ठीक से लागू करने की जरूरत है। बांध में पानी उतना ही रखना होगा, जितनी निकासी हो। इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।  पौंग डैम में पानी जरूरत से ज्यादा हो जाता है तो उसे एकदम छोड़ते हैं। निचले इलाकों में मकान बह जाते हैं और लोगों की जान चली जाती है। कहा कि प्रदेश में राहत मित्रों को रखा जाएगा, जिससे कि लोगों को राहत पहुंचाई जा सके। स्थानीय स्तर पर आपदा प्रबंधन को मजबूत करने की जरूरत है। आपदा प्रबंधन तकनीक को आधुनिक करने के लिए कहा गया है। सदन में नियम- 130 के तहत 27 अगस्त को आपदा पर लाए प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए ने सोमवार को कहा कि चार दिन तक मैराथन बैठक चली। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, चंद्रशेखर, अनुराधा राणा, लोकेंद्र कुमार और सुरेंद्र शौरी ने प्रस्ताव रखा कि राज्य में भारी बरसात व आपदा के कारण हुए नुकसान के बारे में सदन विचार करे। नेगी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर जो इस प्रस्ताव के सूत्रधार थे, वे अपनी बात रखकर जवाब सुनने को नहीं रुके। प्रश्नकाल में भी खड़े हो जाते हैं। अपने विपक्ष के सदस्यों को भी नहीं बोलने देते हैं। बार-बार बहू रूठकर जाए तो मायके में भी जगह नहीं बचती। अगर  आपदा पर कानून नहीं बनता तो प्रदेश को कुछ भी नहीं मिलता। यह कानून भी कांग्रेस ने बनाया है।

 हिमाचल में बांध सुरक्षा अधिनियम को ठीक से लागू करने की जरूरत
समेज में घड़ियाली आंसू बहाकर निकल गईं कंगना नेगी ने कहा कि मंडी की सांसद कंगना रणौत समेज गांव तब पहुंचीं, जब सबकुछ ठीकठाक हो गया और घड़ियाली आंसू बहाकर निकल गईं। कंगना ने ट्वीट किया कि उन्हें विधायकों और अधिकारियों ने अलर्ट के चलते आने से मना किया है। विधायकों में तो शायद जयराम ठाकुर ने जाने से मना किया होगा कि यहां अभी खतरा है। तंज कसा कि बरसात में तो कंगना ने वैसे भी नहीं आना था। वरना मेकअप खराब हो जाता। आपदा के वक्त मैं तो 14 हजार फुट की ऊंचाई पर गया, जबकि डायबिटिक था। उन्होंने कहा कि कोरोना के समय केंद्र के भाजपा नेताओं ने कहा कि थाली और घंटी बजाओ और हमने थाली व घंटी बजाई। अभी भी हिमाचल को यही  कह रहे हैं। 

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