# आज हरतालिका तीज पर गलती से भी न करें ये काम, अन्यथा जीवन में आ सकती है परेशानी…

आज यानी 6 सितम्बर को हरतालिका तीज मनाई जाएगी। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज मनाई जाती है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत भी रखती हैं। महिलाएं यह व्रत पति की लंबी आयु, सुखी वैवाहिक जीवन और माता पार्वती के समान अखंड सौभाग्य की कामना से करती हैं। हरतालिका तीज में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, गलती से भी ऐसा कुछ काम नहीं करने चाहिए अन्यथा भगवान भोलेनाथ नाराज हो जाते हैं और जीवनसाथी के लिए समस्याएं पैदा हो सकती हैं। आइए जानते हैं कौन से कार्य हरतालिका तीज पर नहीं करने चाहिए।

हरतालिका तीज पर क्या न करें

  1. सनातन धर्म में काले रंग को अशुभ माना जाता है। काले रंग को नकारात्मक प्रभाव से जोड़कर देखा जाता है। जैसा कि सब जानते हैं कि हरतालिका तीज का व्रत सुहाग के लिए रखा जाता है, इसलिए इस दिन व्रती को काले वस्त्र और काले रंग की चूड़ियों को नहीं पहनना चाहिए।
  2. हरतालिका तीज पर पवित्र और मन से व्रत रखना चाहिए। इस दिन क्रोध, घृणा, विवाद जैसी नकारात्मक चीजों से बचने की आवश्यकता है। इस दिन आप पति के साथ वाद-विवाद या झगड़ा न करें। कोई ऐसी बात न करें, जिससे उनके मान-सम्मान को ठेस पहुंचे।
  3. हिंदू धर्म में सिंदूर को सुहाग यानि पति के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। हरतालिका तीज के दिन सिंदूर का अनादर न करें, उसे इधर-उधर न फेंके। सिंदूर को सदैव सिंदूरदानी में ही रखें।
  4. हरतालिका तीज के दिन तीज माता की पूजा के साथ भगवान गणेश और महादेव की भी पूजा करें। गणेश जी प्रथम पूज्य हैं और शिव के साथ ही पार्वती जी पूर्ण मानी जाती हैं।  गणेश और शिव जी की पूजा न करने से माता पार्वती नाराज हो सकती हैं, जिसकी वजह से हरतालिका तीज व्रत अपूर्ण माना जा सकता है।
  5. हरतालिका तीज वाले दिन आप किसी भी महिला का अपमान न करें। महिलाएं  अपनी सास या अपने से बड़ी दूसरी सुहागन महिलाओं का सम्मान करेंगी तो वे आपके सौभाग्य को बने रहे का आशीर्वाद देती हैं। इसके विपरीत यदि आप उनका अपमान करती हैं तो भगवान भोलेनाथ आपसे रुष्ट हो सकते हैं।
  6. यदि आप हरतालिका तीज का व्रत रख रहे हैं तो व्रत खोलते समय कोई भी तामसिक भोजन न करें। रात में सोने से बचना चाहिए और भजन-कीर्तन करना चाहिए।
  7. गर्भवती महिलाओं को हरतालिका तीज का व्रत नहीं रखना चाहिए। आपकी आत्मा शुद्ध और पवित्र होनी चाहिए। किसी भी चीज़ के बारे में नकारात्मक विचार नहीं होने चाहिए।

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