विधानसभा में भांग की खेती से जुड़ी समिति की रिपोर्ट मंजूर, सालाना होगी इतनी आय

Cannabis Cultivation Himachal Vidhan Sabha approves report of committee related to hemp cultivation

हिमाचल में औषधीय और उद्योगों में उपयोग के लिए भांग की खेती को वैध बनाने को लेकर गठित कमेटी की रिपोर्ट सदन में पेश की गई। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की ओर से सदन के पटल पर रखी गई रिपोर्ट की सिफारिशों को स्वीकार किया गया। यह रिपोर्ट हिमाचल प्रदेश में भांग के औषधीय और इंडस्ट्रियल इस्तेमाल की मंजूरी से जुड़ी है। राजस्व मंत्री ने नियंत्रित वातावरण में औद्योगिक, वैज्ञानिक और औषधीय प्रयोजनों के लिए भांग की खेती को वैध बनाने से संबंधित मुद्दों पर सिफारिशें देने के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित समिति की रिपोर्ट पेश की। इस खेती से आने वाले समय में प्रदेश की आय में वृद्धि का दावा किया जा रहा है। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। युवाओं विशेषकर ग्रामीण लोगों के लिए रोजगार के मौके बढ़ेंगे। प्रदेश सरकार ने उम्मीद जताई है कि राज्य में भांग की खेती के वैधीकरण के सफल कार्यान्वयन से शुरुआती सालों में 400 से 500 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा।

राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी की सिफारिश के मुताबिक, एनडीपीएस अधिनियम 1985 की धारा 10 के तहत राज्य सरकार को प्रदत शक्तियों के आधार पर नियंत्रित वातावरण में औषधीय और वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए किसी भी भांग के पौधे की खेती, उत्पादन, निर्माण, परिवहन, आयात-निर्यात, बिक्री, खरीद खपत या भांग (चरस को छोड़कर) की खेती की अनुमति, नियंत्रण और विनियमन के लिए हिमाचल प्रदेश एनडीपीएस नियम, 1989 में संशोधन किया जाएगा। एनडीपीएस अधिनियम, 1985 की धारा 14 के तहत केवल फाइबर या बीज प्राप्त करने या बागवानी और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किसी भी भांग के पौधे की अनुमति देने के लिए कुछ शर्तों के अधीन एक सामान्य या विशेष आदेश पारित किया जाना चाहिए।

राज्यस्तरीय प्राधिकरण स्थापित करने की सिफारिश
साथ ही खेती से लेकर उत्पादों के निर्माण की प्रक्रियाओं के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं विकसित की जाएंगी। एक राज्यस्तरीय प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, जो गैर-मादक उद्देश्यों के लिए भांग की खेती को विनियमित करने में शामिल प्रक्रियाओं (बीज बैंक की स्थापना, बीज वितरण, उपज की खरीद और औद्योगिक और फार्मा इकाइयों की स्थापना) के संबंध में निर्णय लेने के लिए एकल खिड़की प्रणाली की सुविधा देगा।

विशेष कर्मचारी उपलब्ध करवाने की भी सिफारिश
कृषि व बागवानी विभाग की ओर से अनुसंधान एवं विकास विशेषज्ञ और विश्वविद्यालयों के समन्वय से बीज बैंक विकसित किए जा सकते हैं। चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और डॉ.वाईएस परमार विश्वविद्यालय नौणी की सेवाओं का उपयोग कर अनुसंधान एवं विकास तकनीक विकसित की जा सकती है। भूमि की जियो टैगिंग राजस्व, आईटी और पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा की जाएगी। इसके अलावा आय का कुछ प्रतिशत अनुसंधान और विकास, जागरूकता अभियान और क्षमता निर्माण अभ्यास के लिए अलग रखा जाना चाहिए। अतिरिक्त काम करने के लिए राज्य आबकारी व कराधान विभाग को मौजूदा संख्या से अधिक विशेष कर्मचारी उपलब्ध कराए जाए।

26 अप्रैल, 2023 को हुआ था समिति का गठन
राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में 26 अप्रैल, 2023 को समिति का गठन हुआ था। इस समिति ने राज्य में भांग के औषधीय, वैज्ञानिक और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए भांग की खेती को वैध बनाने के मुद्दे पर अध्ययन करने के लिए किया था। कांगड़ा, चंबा, मंडी, कुल्लू, सोलन और सिरमौर जिला का दौरा किया गया। इसके अलावा कमेटी ने उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और जम्मू का भी दौरा कयया। कमेटी की ओर से तैयार रिपोर्ट 19 सितंबर 2023 को सदन के समक्ष प्रस्तुत कर दी गई थी।

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