संजौली मस्जिद में हुए कथित अवैध निर्माण और उसे गिराने की मांग को लेकर अब प्रदेशभर में 28 सितंबर को सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन होंगे। इस दौरान शिमला में नगर निगम कार्यालय का घेराव भी किया जाएगा। देवभूमि संघर्ष समिति ने सोमवार को शिमला में प्रेसवार्ता कर इसका एलान किया। समिति के संयोजक भरत भूषण ने कहा कि संजौली मस्जिद विवाद पर प्रदेश सरकार लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने मांग की कि जल्द अवैध निर्माण हटाकर शांति व्यवस्था कायम की जाए। उन्होंने चेताया कि अगर इस मामले में लीपापोती की गई तो पांच अक्तूबर के बाद प्रदेश भर में जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कुछ सालों से योजनाबद्ध तरीके से प्रदेश के हर जिले, तहसील में बाहरी राज्यों से विशेष समुदाय के लोग यहां आकर कारोबार और जमीन पर कब्जा कर रहे हैं।
चिंता इस बात की है कि इसमें बांग्लादेशी रोहिंग्या भी हैं। ऐसे लोग शांति व्यवस्था को भंग करना चाहते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में फेरीवाले घूम रहे हैं, जिससे प्रदेश के लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने 2 अक्तूबर को पंचायतों में होने वाली ग्रामसभाओं में पंचायत प्रतिनिधियों से प्रस्ताव पारित करने की मांग की, जिसमें बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के दस्तावेजों की जांच और तय समय की ग्रामीण क्षेत्रों में घूमने की अनुमति प्रदान की जाए।
भरत भूषण ने कहा कि प्रदेश की आधारभूत संरचना को साजिश के तहत बदलने की कोशिश की जा रही है। अगर बाहरी लोगों का अतिक्रमण और अवैध निर्माण सही है तो फिर प्रदेश में लोगों के अवैध निर्माण भी वैध किया जाए। उन्होंने दावा किया कि जिस स्थान पर संजौली में मस्जिद बनी है, वह प्रदेश सरकार की जमीन है। अवैध निर्माण को गिराया जाना चाहिए।