शैक्षणिक भ्रमण पर विदेश जाने वाले शिक्षकों का अब नए नियमों से चयन होगा। अनुभव, वार्षिक परीक्षा परिणाम, एसीआर, पुरस्कार और नियुक्ति चयन का आधार होगा। सरकार के निर्देशों पर शिक्षा विभाग ने नियम संशोधित किए हैं। इस संदर्भ में जिला उपनिदेशकों को पत्र जारी किए गए हैं। इस वर्ष दो चरणों में विभिन्न श्रेणियों के 100-100 शिक्षक सिंगापुर भेजे थे। चयन पर खूब सवाल उठे। ऐसे में अगले वर्ष किस आधार पर शिक्षकों का चयन किया जाना है, इसको लेकर नए नियम तैयार किए गए हैं।
अब विदेश जाने के इच्छुक शिक्षकों के वार्षिक परिणाम किस प्रकार के रहे हैं। प्रदेश के किन-किन क्षेत्रों में सेवाएं दी हैं। उन्हें किन उपलब्धियों के लिए पुरस्कार प्राप्त हुए। एसीआर किस प्रकार की है। किस विशेष विषय में अनुभवी हैं। इन सभी बिंदुओं को आधार बनाते हुए ही अब शिक्षकों का चयन होगा। सभी जिला उपनिदेशकों से विदेश जाने के इच्छुक शिक्षकों के बारे में इन बिंदुओं को लेकर जानकारी भेजने को कहा है। शिक्षकों को उनके शिक्षण कौशल में सुधार के लिए एक्सपोजर विजिट पर विदेश भेजा जाता है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि जिन शिक्षकों ने शिक्षा के स्तर को मजबूत करने में योगदान दिया है, जिनका प्रदर्शन बेहतर रहेगा, उन्हें ही विदेश भेजने की सिफारिश की जाएगी। इसके अलावा कई अन्य नियम भी तैयार किए हैं। नियम पर खरा उतरने वालों को ही प्राथमिकता मिलेगी।
अब विद्यार्थियों को भी भेजा जाएगा विदेश
अब विद्यार्थियों को भी एक्सपोजर विजिट पर विदेश भेजा जाएगा। शिक्षा विभाग प्रस्ताव बनाने में जुट गया है। विभाग 10वीं और 12वीं के मेधावियों को दूसरे राज्यों और विदेश भेजेगा। इसके लिए भी मापदंड तैयार किए जाएंगे। दसवीं और बारहवीं कक्षा से 20-20 छात्रों को भेजा जाएगा। इसके अलावा खेल, सांस्कृतिक गतिविधियों, एनसीसी, एनएसएस और भारत स्काउट एंड गाइड से 10 छात्रों का चयन एक्सपोजर विजिट के लिए किया जाएगा।