हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की संजौली मस्जिद की तीन अवैध मंजिलें गिराए जाने के नगर निगम आयुक्त कोर्ट के आदेश को अब चुनौती देने की तैयारी है। ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन ने कहा कि इन आदेशों को ऊपरी अदालत में चुनौती दी जाएगी। बालूगंज मस्जिद में बुधवार को संस्था के नेताओं ने इस संबंध में बैठक की। वहीं, मस्जिद कमेटी ने आयुक्त कोर्ट के आदेश को चुनौती देेने से एक बार फिर इन्कार कर दिया।
संस्था के प्रदेश प्रवक्ता नजाकत अली हाशमी ने कहा कि विभिन्न संगठनों के दबाव में इस मामले को उछाला गया है। दबाव में आकर ही संजौली मस्जिद की कमेटी ने नगर निगम के पास खुद अवैध निर्माण गिराने का आवेदन किया था। इसी आवेदन को आधार बनाते हुए आयुक्त ने फैसला सुना दिया। हाशमी ने दावा किया कि यह फैसला तथ्यों से परे है। मस्जिद वक्फ बोर्ड की जमीन पर बनी है। 125 साल के राजस्व रिकॉर्ड में भी यह मौजूद है।
यहां नमाज पढ़ने वाले लोगों की संख्या बढ़ने के बाद इसकी मंजिलें बढ़ाने के लिए कमेटी ने वक्फ बोर्ड से एनओसी ली थी। अब दो पक्षों की लड़ाई को इस मामले से जोड़ दिया, जो गलत है। उन्होंने दावा किया कि यह मस्जिद अवैध नहीं है। इसके नक्शे के लिए आवेदन किया था। कई साल तक नगर निगम ने इसे लंबित रखा। हाशमी ने दावा किया कि जिन लोगों ने कमेटी की ओर से अवैध निर्माण गिराने का आवेदन किया, वह इसके लिए अधिकृत नहीं है। नगर निगम ने भी इस मामले में पार्टी किसे बनाना है, कौन इसका मालिक है, यह जाने बिना फैसला सुना दिया। अब इस फैसले की कॉपी का इंतजार है। इसके बाद आर्गेनाइजेशन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ेगी।
संजाैली मस्जिद कमेटी बोली हम खुद तोड़ेंगे अवैध निर्माण
संस्था के दावों को खारिज करते हुए संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने कहा कि आयुक्त कोर्ट से जो फैसला आया है, वह मान्य है। जल्द अवैध मंजिलें गिराने का काम शुरू होगा। निगम के पास खुद अवैध निर्माण तोड़ने के लिए आवेदन किया था। इसके लिए कमेटी अधिकृत है। वक्फ बोर्ड को भी इसकी जानकारी दी गई थी। संस्था की इस बैठक से हमारा लेना-देना है।