टाटा समूह के मानद चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा ने बुधवार देर दुनिया को अलविदा कह दिया। 86 वर्ष की उम्र में उनका निधन मुंबई के एक अस्पताल में हुआ। पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा का निधन दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रात 11:30 बजे हुआ। रतन टाटा दुनिया के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक थे। इसके बावजूद वे कभी अरबपतियों की किसी सूची में नजर नहीं आए। उनके पास 30 से ज्यादा कंपनियां थीं। यह कंपनियां छह महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में फैली थीं। इसके बावजूद वह एक सादगीपूर्ण जीवन जीते थे।
रतन टाटा का हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से भी नाता माना जाता है। विभिन्न सोशल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार टाटा ने आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई मुंबई के कैंपियन स्कूल से की। इसके बाद उन्होंने मुंबई के कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल, शिमला के बिशप कॉटन स्कूल और न्यूयॉर्क शहर के रिवरडेल कंट्री स्कूल में अपनी पढ़ाई जारी रखी। उन्होंने 1955 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। हालांकि स्कूल के पास इसका लिखित रिकाॅर्ड उपलब्ध नहीं है। हालांकि, स्कूल रिकाॅर्ड में आरडी टाटा का नाम जरूर शामिल है। आरडी टाटा 1952 में स्कूल का हिस्सा रहे।
वहीं बीसीएस स्कूल प्रबंधन के अनुसार 1950 के दशक में टाटा के परिवार के सदस्य आते थे और यह बात बार-बार सामने आती रहती है कि उन्होंने यहां पढ़ाई की थी। लेकिन एक अलग चचेरे भाई टाटा इस स्कूल में आए थे, जिसके बारे में रस्किन बॉन्ड ने अपने संस्मरणों में लिखा है। वह भी रतन टाटा थे! यहीं पर भ्रम पैदा होता है, लेकिन निश्चित रूप से हमें यह सुनकर बहुत दुख हुआ कि इस महान शख्सियत और दयालु व्यक्ति का निधन हो गया है। बता दें, बिशप कॉटन स्कूल न केवल देश में बल्कि पूरे एशिया महाद्वीप में सबसे बड़े स्कूलों में शुमार है। यह देश का पहला पब्लिक स्कूल था, जिसकी स्थापना सन 1859 में जॉर्ज एडवर्ड लिंच कॉटन ने की थी। बिशन कॉटन स्कूल का परिसर शिमला से करीब 4 किलोमीटर दूर 35 एकड़ में फैला है।