खुशवंत सिंह लिटफेस्ट के 13वें संस्करण का शुभारंभ शुक्रवार को भक्तिज्ञान की प्रस्तुति के साथ कसौली क्लब में हुआ। तीन दिवसीय लिटफेस्ट इस बार लचीलापन और नवीकरण थीम पर हो रहा है। इसमें देश-विदेश के कई लेखक, साहित्यकार, चित्रकार, अभिनेता, सैन्य अधिकारी और राजनीति से जुड़ी बड़ी हस्तियां शामिल हैं। तीन दिन में 25 सत्र चलेंगे और अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा होगी।
इसमें कुल 45 वक्ता शामिल होंगे। इससे पहले निरुपमा दत्त ने कई धुनों से आए हुए मेहमानों का स्वागत किया गया।
उद्घाटन सत्र में खुशवंत सिंह के बेटे व आयोजक राहुल सिंह सहित पत्रकार एवं स्तंभकार बच्ची करकरिया ने देश-विदेश से पहुंचे मेहमानों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि खुशवंत सिंह जिंदादिल इंसान थे और कई लोगों ने उनसे जिंदगी को जीने के सलीके सीखे हैं। वर्ष 1971 युद्ध में भारतीय सेना के हीरो रहे मेजर जनरल इयान कार्डोजो भी अपनी किताब करेज अंडर फायर:टेल ऑफ वेलर एंड एडवेंचर पर चर्चा करेंगे। लेखिका सैयदा सैय्यदैन हमीद महिलाओं को मजबूत बनाने पर चर्चा करेंगी।
तीन दिनों तक मुंबई के पॉडकास्टर अमित वर्मा, पूर्व सेना नायक प्रोबल दासगुप्ता, सहायक प्रोफेसर अनिद्यो रॉय, कवयित्री अरुंधति सुब्रमण्यम, पूर्व पत्रकार बच्ची करकारिया, लेखक बालाजी विट्टल, लेखक और चित्रकार देवदत्त पटनायक, पत्रकार धीरेंद्र के. झा, मॉडल फिरोज गुजराल, न्यूज एंकर गार्गी रावत, 1959 में चीन-भारत सीमा पर गश्त के दौरान वीरता के लिए सेना पदक से सम्मानित जनरल इयान कार्डोजो, लेखक जेनीता सिंह, द ट्रिब्यून ग्रुप ऑफ न्यूज पेपर्स की प्रधान संपादक ज्योति मल्होत्रा, न्यूक्लियर फिजिसिस्ट डॉ. कल्पना शंकर, सिंगापुर नेशनल यूनिवर्सिटी के ली कुआन यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी में एशियाई अध्ययन के विल्मर प्रोफेसर और रिसर्च के वाइस डीन कांति बाजपेयी, पूर्व आईपीएस मीरन चढ्डा, पूर्व आईएएस और वानकानेर के शाही परिवार से एमके रंजीत सिंह, लेखिका नमिता देवीदयाल, सेक्स और ट्रॉमा थेरेपिस्ट नेहा भट्ट, पूर्व पत्रकार और लेखिका निरुपमा दत्त, आईआरएस अधिकारी निरुपमा कोटरू, सिनेमाग्राफर नुसरत एफ. जाफरी, प्रसिद्ध विज्ञापन फिल्म निर्माता प्रहलाद कक्कड़, सर्वोच्च न्यायालय के नॉन बाइनरी वकील रोहिन भट्ट, पत्रकार सारा जैकब, लेखक सरबप्रीत सिंह, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ किरपाल, द हिंदू की राजनयिक संपादक सुहासिनी हैदर, पद्म श्री पुरस्कार विजेता सैय्यद सैय्यदैन हमीद, कला संस्कृति से जुड़ीं तस्नीम जकारिया मेहता, शोधकार वीरांगना कुमारी सोलंकी, इतिहासकार विलियम डेलरिम्पल और खुशवंत सिंह के बेटे राहुल सिंह के नाम शामिल हैं।