सरदार पटेल, सेना ने बताया था-चीन हमारा दुश्मन पर नहीं माने, गईं कई जानें: कार्डोजो

Khushwant Singh Litfest: Hero of the 1971 battle Major General (retired) Ian Cardozo Cardozo, Sardar Patel, ar

भारत-पाकिस्तान के बीच वर्ष 1971 में हुई लड़ाई के हीरो मेजर जनरल सेवानिवृत्त इयान कार्डोजो ने कहा कि पूर्व पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कभी भी चीन और पाकिस्तान को अपना दुश्मन नहीं माना। यहां तक कि, तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल समेत सेना अधिकारियों ने भी उन्हें कहा था कि चीन हमारा दुश्मन है, लेकिन वह नहीं माने। कसौली में शुक्रवार को खुशवंत सिंह लिटफेस्ट में अपनी किताब 1965 पर चर्चा करते हुए मेजर जनरल कार्डोजो ने कहा कि वर्ष 1947 में जब देश आजाद हुआ तो उस समय में जनरल रॉवर्ड हार्ट ने कहा कि मैं तुम्हें थल, वायु और जल सेना नहीं दे रहा हूं।

तुम्हें पुलिस फोर्स की जरूरत है, लेकिन पंडित नेहरू ने यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि हमारा कोई दुश्मन नहीं है। चीन और पाकिस्तान हमारे मित्र हैं। वर्ष 1962 में जब चीन के साथ लड़ाई हुई थी तब भी पंडित नेहरू मानने को तैयार नहीं थे कि चीन से कोई दुश्मनी है।  कहा कि मुझे नहीं पता उन पर क्या दवाब था, मगर परिणाम सबके सामने हैं कि कितने सैनिक इसमें मारे गए। वर्ष 1965 में कैप्टन वकनूरू ने कहा कि पाकिस्तान युद्ध की तैयारी कर रहा है और हमें तैयार रहना चाहिए, मगर नेहरू ने दोबारा से इन्कार कर दिया। उसके बाद फिर से लड़ाई हुई। नेताओं को लोगों की सुननी चाहिए और उनके हक में निर्णय लेना चाहिए न कि एकतरफा सोच कर। सेना को स्वतंत्र पावर देनी चाहिए।

मनीष तिवारी बोले, अमेरिका की इस्राइल को खुली छूट
सोलन। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं चंडीगढ़ से सांसद मनीष तिवारी ने लिटफेस्ट में अमेरिका की कूट नीति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। इस्राइल ने अमेरिकन के डेमोक्रेटिक सिस्टम को लिया है। जिस वजह से अमेरिका चाह कर भी इस्राइल का विरोध भी नहीं कर सकता। अमेरिका की छूट का इस्राइल फायदा उठा रहा है। अगस्त 2023 में इस्राइल पर आतंकी हमला हुआ, उसकी भर्त्सना होनी चाहिए लेकिन जिस तरह से उसके बाद से इस्राइल की ओर से रिस्पांस दिया गया है वह भी सही नहीं है। दो युद्धों के बाद हुए बदलाव को भारत ने अच्छे से मैनेज किया था। क्या अब तीसरे बदलाव को हम तैयार हैं। रूस, यूक्रेन समेत अन्य देशों के बीच युद्ध चल रहा है, जो तीसरे विश्व युद्ध की ओर इशारा कर रहा है। 

अग्निवीर योजना केंद्र का गलत फैसला
देश के महान लेखकों में शुमार खुशवंत सिंह की याद में लिटफेस्ट के 13वें संस्करण की शुरुआत शुक्रवार को भक्तिज्ञान की प्रस्तुति के साथ कसौली क्लब में हुई। तीन दिनों तक 25 सत्रों में चर्चा होगी। इससे पहले निरुपमा दत्त ने आए हुए मेहमानों का स्वागत किया गया।  मेजर जनरल सेवानिवृत्त इयान कार्डोजो  ने अग्निवीर योजना पर सवाल उठाए। बोले, यह योजना केंद्र सरकार का सबसे गलत निर्णय है। चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ हालात कैसे हैं यह सभी को पता है। ऐसे में मात्र चार साल के लिए भर्ती किए जा रहे सैनिक लड़ई कैसी लड़ेंगे इसका पता नहीं।   अग्निवीर लड़ाई के लिए सक्षम नहीं हो पाएंगे। सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। कहा कि 1965 की लड़ाई के दौरान जब हेलिकाप्टर से वह अपने कमांडर के साथ एलओसी पर निगरानी कर रहे थे तो उस दौरान उन्होंने अपने क्षेत्र में एक पाकिस्तानी बंकर देखा। इसे हमारे कमांडर ने उड़ाने के आदेश दे दिए, जिसमें पांच पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे, मगर बाद में सरकार ने उसमें भी जवाब तलब कर दिया था। 

मुशर्रफ को आर्मी चीफ बनाने से किया था इन्कार
भारतीय भाषाविद् प्रोबल दासगुप्ता ने पाकिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ जनरल परवेज मुशर्रफ के सेनाध्यक्ष बनने का किस्सा सुनाया। बोले- मुशर्रफ के बैचमेट वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल परवेज मेहदी कुरैशी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से कहा था कि मैं इसका बैचमेट रहा हूं। इसे सेनाध्यक्ष न बनाया जाए। बाद में मुशर्रफ ने नवाज शरीफ को ही प्रधानमंत्री पद से हटाकर खुद पाकिस्तान की कमान संभाल ली थी। उद्घाटन सत्र में खुशवंत सिंह के बेटे राहुल सिंह और लेखिका बच्ची करकरिया ने देश-विदेश से पहुंचे मेहमानों का स्वागत किया। 

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