चीन सीमा से सटी सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ग्रांफू-समदो सड़क चौड़ी होगी। इससे सीमा तक सैनिकों की पहुंच और आसान हो जाएगी। इस सड़क का निर्माण कार्य सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) करेगा। इससे पहले जमीन का अधिग्रहण होना है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए उपायुक्त जिला लाहौल स्पीति को आदेश जारी कर दिए है। वर्ष 2025 तक इस सड़कों को चौड़ा किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सड़क के विस्तार से सेना के जवान मात्र पांच घंटों में मनाली से समदो पहुंच सकेंगे।
सड़क की चौड़ाई 5.5 मीटर की जाएगी, जिससे सेना के वाहन आसानी से आवाजाही कर सकेंगे। अभी जो सड़क है, उसकी हालत बहुत ज्यादा खराब है और संकरी भी है, जिससे सेना के वाहन मनाली से समदो तक करीब नौ घंटों में पहुंचते हैं। देश की सुरक्षा के लिए चीन सीमा पर डटे सेना के जवानों के लिए राशन, असलाह और अन्य सामग्री इसी सड़क से होकर जाती है। बीआरओ ने ग्रांफू-काजा-समदो सड़क का सर्वे कर लिया है। इसकी दूरी करीब 205 किलोमीटर है। लोसर से ग्रांफू तक सड़क की हालत दयनीय है। 89 किलोमीटर सड़क कच्ची है।
वाहन चालकों को पास देना होता है तो वाहनों को एक से आधा किलोमीटर आगे पीछे करना पड़ता है। बताया जा रहा है कि समदो से ग्रांफू के बीच 150 हेक्टेयर जमीन वन विभाग की आती है। केंद्रीय वन मंत्रालय ने इसके निर्माण के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। प्रदेश सरकार जमीन का अधिग्रहण करेगी, जबकि निर्माण कार्य बीआरओ ने करना है।
चीनी सीमा से सटी समदो-ग्रांफू सड़क को चौड़ा किया जाना है। इसे लेकर बीआरओ के अधिकारियों के साथ बैठक हुई है। पहले भूमि का अधिग्रहण होना है। ऐसे में उपायुक्त को इस बारे में आदेश जारी किए गए हैं। इस सड़क को चौड़ा करने के लिए बीआरओ की हरसंभव मदद की जाएगी।