अंतर मंत्रालयीय केंद्रीय दल ने किया मंडी जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा, नुकसान का आकलन

बरसात के मौसम में इस वर्ष मंडी जिले में बादल फटने, बाढ़ व भूस्खलन से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए गुरुवार को अंतर मंत्रालयीय केंद्रीय दल ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। शुरुआती तौर पर जिले में लगभग 213 करोड़ 22 लाख रुपए का नुकसान आंका गया है।

मट्ट व वमाणु गांव में हुए नुकसान का जायजा
केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव मिहिर कुमार के नेतृत्व में यहां पहुंचे इस आठ सदस्यीय दल ने द्रंग विधानसभा क्षेत्र की चौहार घाटी में स्थित राजबन (तेरंग) और मंडी जिला मुख्यालय के समीप मट्ट व वमाणु गांव में हुए नुकसान का जायजा लिया। राजबन में दल के सदस्यों ने प्रभावित परिवारों से बातचीत भी की

अंतर मंत्रालयीय केंद्रीय दल में ये लोग
दल में भारत सरकार की ओर से संयुक्त सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग डॉ. विक्रांत सिंह, निदेशक जल शक्ति विभाग वसीम अशरफ, सहायक निदेशक बिजली मंत्रालय रोहित पाल, कार्यकारी अभियंता सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय श्वेत कुमार, ग्रामीण विकास मंत्रालय के अवर सचिव अजय कुमार साहू, नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर, इसरो से वैज्ञानिक इंजीनियर आकाश मोहन तथा केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग में संयुक्त निदेशक प्रीति शामिल रहीं।

जानकारी एवं सुझावों को तथ्यों सहित रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा
इसके उपरांत उपायुक्त कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में केंद्रीय दल ने संबंधित विभागों एवं जिला प्रशासन से नुकसान के बारे में चर्चा की और ब्यौरा प्राप्त किया। संयुक्त सचिव मिहिर कुमार ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने से नुकसान की विभीषिका स्पष्ट हो जाती है। विशेषतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं से सामान्यजन की मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। उन्होंने संसाधनों के अनुकूलन पर बल देते हुए कहा कि ऐसी परिस्थितियों में परिशोधन क्षमता का सबसे बेहतर ढंग से उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने आश्वस्त किया कि यहां प्राप्त जानकारी एवं सुझावों को तथ्यों सहित रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा।

‘प्रभावित परिवारों को मिले उचित मुआवजा’
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बरसात के मौसम में जिले में हुए नुकसान पर एक प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि भारी बरसात से चौहार घाटी की ग्राम पंचायत धमच्याण के राजबन गांव में बादल फटने से 10 लोगों की जान चली गई। इनमें से 9 लोगों के शव बरामद कर लिए गए, जबकि एक अन्य अभी भी लापता है। उन्होंने केंद्रीय दल से आग्रह किया कि ऐसी आपदाओं में लापता लोगों को राहत मैनुअल के अनुसार उचित मुआवजा प्रदान करने में गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी विशेष छूट प्रदान की जाए, ताकि प्रभावित परिवारों को समय पर समुचित राहत उपलब्ध करवाई जा सके। उन्होंने कहा कि राजबन क्षेत्र में बादल फटने की घटना में अनुमानित 11.92 करोड़ रुपए का नुकसान आंका गया है।  

‘लोक निर्माण विभाग को सबसे अधिक नुकसान’
अपूर्व देवगन ने बताया कि जिले में लोक निर्माण विभाग को सबसे अधिक लगभग 130.47 करोड़ रुपए का नुकसान आंका गया है। जल शक्ति विभाग को भी लगभग 68.24 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ के तहत पेयजल व सिंचाई योजनाओं को नुकसान पर मुआवजे का प्रावधान है, लेकिन सीवरेज को इसमें शामिल नहीं किया जाता है। उन्होंने केंद्रीय दल से इस बारे में सुझाव अपनी रिपोर्ट में शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सीवरेज लाईन क्षतिग्रस्त होने व अपशिष्ट नदी-नालों में मिल जाने से जलजनित रोगों के उभरने का खतरा और भी बढ़ जाता है।

किस विभाग को कितना नुकसान

उपायुक्त ने बताया कि जिले में राजस्व विभाग को दो करोड़ 93 लाख रुपए, राज्य विद्युत बोर्ड को 1.55 करोड़, शिक्षा विभाग को 1.67 करोड़ और कृषि विभाग को अनुमानित 1.02 करोड़ रुपए का नुकसान इस वर्ष बरसात में हुआ है। इसके अतिरिक्त बागवानी, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, स्वास्थ्य, मत्स्य पालन विभाग व नगर निगम मंडी सहित सार्वजनिक व निजी संपत्ति को अनुमानित कुल 213.22 करोड़ रुपए का नुकसान आंका गया है, जबकि 51 बहुमूल्य मानव जीवन इसमें खोए हैं। उन्होंने केंद्रीय दल से नुकसान के बारे में उदारतापूर्वक विचार करते हुए हरसंभव मदद प्रदान करने का आग्रह किया। बैठक में संयुक्त सचिव डॉ. विक्रात सिंह, अवर सचिव अजय कुमार साहू, संयुक्त निदेशक प्रीति सहित अन्य सदस्यों ने भी अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त रोहित राठौर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर चंद्र, नगर निगम मंडी के आयुक्त एचएस राणा सहित संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *