हिमाचल में हांफी राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी योजना, नहीं मिल रहा राशन

Himachal Pradesh gasps for ration card portability scheme

हिमाचल प्रदेश में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी योजना हांफ गई है। लोगों को इस योजना के तहत डिपो में राशन नहीं मिल रहा है। इस योजना के तहत उपभोक्ता हिमाचल में कहीं भी किसी भी डिपो से राशन ले सकते हैं। लेकिन डिपो में लगी पॉश मशीनों में राशनकार्ड की एंट्री ही नहीं हो रही है। ऐसे में उपभोक्ताओं को दिक्कतें पेश आ रही हैं। शुरुआत में इस योजना के तहत लोगों को राशन मिलना शुरू हो गया था। इसके बाद साफ्टवेयर में बार-बार खराबी आने से योजना सिरे नहीं चढ़ पा रही है। अब खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग एनआईसी के तहत इस योजना को सिरे चढ़ाने के प्रयास में है।

चार जिलों में शुरू की गई योजना
हिमाचल में इस योजना को लागू हुए करीब तीन साल हो चुके हैं। चार जिलों में यह योजना शुरू की गई। लेकिन अब सिस्टम ठप पड़ गया है। हिमाचल के कई डिपो में ट्रायल पर इस योजना को शुरू किया गया था। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से कई परिवारों के ऐसे सदस्य पाए गए, जिनके दो-दो जगह पर राशन कार्ड में नाम है। ऐसे में विभाग की ओर से इन्हें राशन नहीं दिया गया। खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक राम कुमार गौतम ने बताया कि एक सप्ताह के बाद सिस्टम ठीक हो जाएगा। एनआईसी से बातचीत करके इस योजना को शुरू किया जा रहा है।

प्रदेश में साढ़े 19 लाख राशनकार्ड उपभोक्ता
हिमाचल प्रदेश में साढ़े 19 लाख राशनकार्ड उपभोक्ता हैं। प्रदेश सरकार की ओर से प्रति राशनकार्ड उपभोक्ताओं को सब्सिडी पर तीन दालें (मलका, माश, दाल चना), दो लीटर तेल (रिफाइंड और सरसों), 500 ग्राम प्रति व्यक्ति चीनी और एक किलो नमक दिया जा रहा है। इसके अलावा आटा और चावल केंद्र सरकार सब्सिडी पर उपलब्ध करा रही है।

तीन महीने राशन न लेने पर कार्ड ब्लॉक
तीन महीने तक डिपो से सस्ता राशन न लेने पर लोगों के राशनकार्ड ब्लॉक हो रहे हैं। दिक्कतें उन लोगों को आ रही है जो गांव से आकर शहर में रह रहे हैं। ऐसे में लोगों को घर जाकर राशन लेना पड़ रहा है।

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