मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि 10 विधायकों के बिलासपुर में जुटने का मामला भाजपा से जुड़ा हो सकता है। भाजपा नेताओं को कांग्रेस पर दोषारोपण करने के बजाय अपनी अंदरूनी लड़ाई पर ध्यान देना चाहिए। डोडरा क्वार में मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा कि मुझे लगता है कि बिलासपुर में कांग्रेस के नहीं, बल्कि भाजपा के विधायकों की बैठक हुई होगी। वहीं, मंत्रिमंडल विस्तार पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे हाईकमान की मंजूरी के बाद किया जाएगा।
यह उल्लेखनीय है कि कैबिनेट में एक पद खाली चल रहा है। उधर, सोलन के पाइनग्रोव स्कूल में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में सीएम ने कहा कि बिजली वोर्ड को अब अपने पांव पर खड़ा होना ही पड़ेगा। कब तक सरकार अनुदान के सहारे बोर्ड को चलाएगी। सरकार उन्हें 2,200 करोड़ रुपये की सब्सिडी देती है। यह सब्सिडी गांव के किसानों को भी दी जा सकती है। ढाई रुपये प्रति यूनिट बिजली बोर्ड के कर्मचारियों और पेंशनरों पर खर्च होती है।
उसके बाद जनता का नंबर आता है। वहीं सरकार अनुदान भी देती है। यह बात बिजली बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी सोचनी चाहिए कि पोस्ट बढ़ाकर फायदा है या उन्हें अपने पांव पर खड़ा होकर। बोर्ड के कर्मचारियों की मांगें सरकार सुनेगी, मगर उन्हें भी सरकार के बारे में सोचना होगा। कहा कि बोर्ड को दी जाने वाली अनुदान राशि को गांव के किसानों पर लगाया जाएगा तो ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।