तीन साल पहले वंशिका गोस्वामी ने मुक्केबाजी की शुरू, जिद्द ने बना दिया वर्ल्ड चैंपियन

Success Story: Vanshika Goswami started boxing three years ago, her determination made her a world champion

अमेरिका में मुक्के से देश का परचम लहराने वाली वंशिका ने तीन साल पहले ही बॉक्सिंग ग्लब्स पहने हैं। तीन साल की मेहनत से वंशिका गोस्वामी विश्व विजेता बन गईं।   कुछ कर गुजरने की जिद्द वंशिका में बचपन से है। ज्वालामुखी के दरंग की रहने वाले वंशिका गोस्वामी बचपन में शरारती स्वभाव की रही हैं। इसी शरारती स्वभाव से सबकी लाड़ली भी हैं। वंशिका को बचपन से ही खेलों की प्रति रूचि रही है। 16 दिसंबर 2006 को शशिकांत गोस्वामी के घर में पैदा हुई वंशिका ने पांचवीं कक्षा में पढ़ते हुए जूडो-कराटे सीखने की जिद्द की। 

 पिता ने स्कूल में दिलवाया कराटे सीखने का प्रशिक्षण
 पिता ने स्कूल में कराटे सीखने का प्रशिक्षण दिलवाया। जब नौवीं कक्षा में थी तो वंशिका ने जूडो-कराटे में ब्राउन बेल्ट हासिल कर ली। इसी बीच पिता का स्थानांतरण बड़ोह हुआ तो वह भी उनके साथ वहां चली गईं। साल 2021 में वंशिका को बॉक्सिंग सीखने की जिद्द पकड़ ली। पिता ने समलोटी स्कूल में बॉक्सिंग कोच कैलाश शर्मा ने प्रशिक्षण दिलाना शुरू करवाया। वंशिका ने स्कूली खेलों में भाग लिया और पहले ही वर्ष में राज्य चैंपियन बनीं। 

66वें नेशनल गेम्स  में जीता था सिल्वर मेडल 
इसके बाद कोच ने उसे बाहर प्रशिक्षण के लिए भेजा और वंशिका 66वें नेशनल गेम्स अंडर-19 में जोरदार प्रदर्शन करते हुए भोपाल में सिल्वर मेडल जीता। जुलाई में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए ट्रायल में बेहतर प्रदर्शन करते हुए वंशिका देश की टीम का हिस्सा बनीं। अब कोलोराडो में विश्व अंडर-19 बॉक्सिंग चैंपियनशिप में वंशिका ने 1 मिनट 37 सेकंड चले मैच में जर्मनी की गेट विक्टोरिया को हराकर चैंपियन बनीं।   विश्व चैंपियन बनने के बाद वंशिका 8 नवंबर को अपने घर पहुंचेगी।

वंशिका बचपन से ही मेहनती रहीं
इसके लिए उनके पिता मंगलवार को ही दिल्ली रवाना हो जांएगे। पिता शशिकांत गोस्वामी मौजूदा समय में विधायक संजय रत्न के पीएसओ हैं। शशिकांत गोस्वामी ने कहा कि वंशिका बचपन से ही मेहनती रही है। कुछ करने की सोच लेती है तो उस काम को पूरा करके ही दम भरती है। वह बचपन से दादा दीप राज और दादी माया गोस्वामी की लाडली रही है। वंशिका अभी ज्वालाजी कॉलेज में बीएम प्रथम वर्ष की छात्रा हैं। मात्र तीन साल में ही वंशिका ने स्कूली खेलों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा का लोहा मनवाया है।

परिजनों और कोच को दिया जीत का श्रेय
वंशिका ने जीत का श्रेय परिजनों कोच कैलाश शर्मा, इंडियन टीम के हेड कोच अमनप्रीत, हिमाचल बॉक्सिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश भंडारी, महासचिव सुरेंद्र शांडिल, मुकेश भटनागर और कांगड़ा बॉक्सिंग एसोसिएशन के प्रधान नरेंद्र को दिया है। कोच कैलाश शर्मा ने बताया कि जुलाई में वंशिका का इस प्रतियोगिता के लिए चयन हुआ था।

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