बिलासपुर एम्स 2026 से तैयार करेगा एडवांस रोबोटिक सर्जन, यहां होगी ट्रेनिंग; जानें सभी फायदे

Technology AIIMS Bilaspur will prepare advanced robotic surgeons from 2026

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर वर्ष 2026 से रोबोटिक सर्जन तैयार करेगा। दिल्ली एम्स के बाद बिलासपुर एम्स रोबोटिक सर्जन तैयार करने वाला देश का दूसरा स्वास्थ्य संस्थान बनेगा। इसके लिए प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। इसके अलावा आगामी छह में एमबीबीएस, एमडी और डीएम को हाई फिडेल्टी फैमोलिशन लैब में प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए अधिकतर उपकरण भी एम्स पहुंच चुके हैं।

खास बात यह है कि इस माह से एम्स में केंद्र सरकार की पंच प्राण योजना के तहत सेना, बीएसएफ, सीआईएसएफ के डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग दी जाएगी। पहले ये एम्स दिल्ली जाते थे,लेकिन अब पंजाब व आसपास के राज्यों की फैकल्टी बिलासपुर एम्स आएगी। स्किल लैब में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन्हें ट्रॉमा के साथ-साथ लाइफ सेविंग कंडीशन के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। बिलासपुर एम्स में 2026 तक रोबोटिक सर्जरी लैब शुरू होगी। एम्स प्रबंधन ने लक्ष्य रखा है कि अगले एक साल में एमबीबीएस, एमडी और डीएम हाई फिडेलिटी फेमोनिशन लैब के तहत प्रशिक्षित किए जाएंगे। छह माह में इनका प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा। रोबोटिक लैब का खर्च करीब 15 से 18 करोड़ का है।

दिल्ली एम्स में होती है रोबोटिक सर्जरी ट्रेनिंग
देश के कई निजी और सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में रोबोटिक सर्जरी होती है। लेकिन इसका प्रशिक्षण लेने के लिए विशेषज्ञों को पहले विदेशों का रुख करना पड़ता था। वहीं, करीब एक साल पहले एम्स दिल्ली ने प्रशिक्षण के लिए अपनी स्किल लैब में शुरू किया था। अब 2026 तक इसे बिलासपुर एम्स में शुरू करने की योजना है। वर्ष 2025 के अंत तक सर्जिकल रोबोटिक्स प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य है। इसके बाद यहां रोबोट से सर्जरी की ट्रेनिंग दी जाएगी। एम्स के अलावा दूसरे अस्पतालों के डॉक्टर भी यहां ट्रेनिंग ले सकेंगे।

मरीजों की रिकवरी होगी तेज
विशेषज्ञों का कहना है कि रोबोट से सर्जरी होने पर मरीज की रिकवरी तेज होती है। इसमें मरीज को बड़ा चीरा लगाने की जरूरत नहीं होती। जरूरत के आधार पर छोटे छेद या दूसरे तरीकों से उपकरण शरीर में ले जाया जाता है। सर्जरी के बाद मरीज जल्द काम पर लौट सकता है। सर्जन, गायनोकॉलोजिस्ट, यूरोलॉजी, सामान्य सर्जरी, ईएनटी, ऑर्थोपेडिक, कार्डियोथोरेसिक, न्यूरो सर्जरी सहित कई विभागों के विशेषज्ञों को रोबोट की मदद से सर्जरी की ट्रेनिंग दी जाएगी।

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