रामपुर उपमंडल के कई ग्रामीण इलाकों में भालुओं के आतंक से ग्रामीण सहमे हुए हैं। वन विभाग ने भालुओं की समस्या से निपटने के लिए पहली बार एनाइडर सिस्टम स्थापित किया है। यदि सिस्टम कारगर रहा तो आने वाले समय में वन विभाग जंगली जानवरों से निपटने के लिए इस प्रणाली का इस्तेमाल करेगा। अब तक प्रदेश के सिरमौर जिले में हाथियों से फसलों को बचाने के लिए इस एनाइडर सिस्टम लगाए गए हैं। रामपुर की शाहधार पंचायत में बीते तीन माह से भालू ने 20 गाय पर जानलेवा हमले कर उन्हें मौत के घाट उतारा है, जबकि तीन लोगों को मादा भालू ने हमला कर जख्मी किया है। इसे देखते हुए वन विभाग रामपुर ने शाहधार पंचायत में यह सिस्टम पायलट परियोजना के तहत स्थापित किया है।
वन विभाग के पिंजरे में फंसा भालू का बच्चा
वहीं, विभाग ने भालू के एक बच्चे को पिंजरे में पकड़ा है, जिसे सराहन में वन विभाग की देखरेख में रखा गया है। वन विभाग की रेपिड रेस्क्यू टीम दिन रात भालू की निगरानी कर रही है। गौर हो कि उपमंडल की शाहधान पंचायत में भालू के आतंक से ग्रामीण सहमे हुए हैं। यहां एक मादा भालू ने गौशालाओं को तोड़कर 20 गाय को मौत के घाट उतारा है। साथ ही तीन ग्रामीणों पर भी भालू ने हमला किया है। हालांकि ग्रामीणों द्वारा उकसाने या अचानक आमना-सामना होने पर ये हमले हुए हैं। तीन माह से लगातार भालू की आवाजाही आबादी वाले क्षेत्रों में हो रही है।
चार कैमरे और तीन पिंजरे स्थापित किए हैं
भालू की गतिविधियों पर नजर बनाए रखने के लिए वन विभाग ने चार कैमरे और तीन पिंजरे स्थापित किए हैं। बीते दिनों एक पिंजरे में मादा भालू का एक बच्चा कैद हो गया है, जिसकी शिमला से आई विशेषज्ञों की टीम ने जांच की और उसे स्वस्थ पाया और नियमानुसार उस पर आगे कार्रवाई की गई है। वन विभाग ने भालू के बच्चे को पिंजरे में कैद कर सराहन पहुंचाया है, जहां वन विभाग की टीम उसकी देखभाल कर रही है। वहीं मादा भालू की खोज में वन विभाग की रेपिड रेस्क्यू टीम दिन रात कार्य कर रही है, जिसमें रोजाना सात सदस्य शाहधार और बौंडा पंचायत में गश्त कर रहे हैं। वहीं, अब भालू से निजात दिलाने के लिए एनाइडर का पायलट भी आक्रमण संभावित क्षेत्रों में प्रयोग किया जा रहा है, क्योंकि मादा भालू अभी भी पकड़ी नहीं गई है।
विभागीय टीम द्वारा बताई सभी सावधानियां बरतें
वन विभाग एनाइडर सिस्टम से भालू को भगाने का प्रयास कर रही है, यदि यह योजना कारगर रही तो एनाइडर सिस्टम की संख्या में इजाफा किया जाएगा। वहीं वन विभाग की लोगों से आह्वान किया है कि वे विभागीय टीम द्वारा बताई सभी सावधानियां बरतें। अकेले घर से बाहर न निकलें, गाय के बाड़ों के पास अग्नि इत्यादि जला कर रखें और भालू दिखने पर तुरंत विभागीय टीम को सूचित करें। सभी सावधानियां घर-घर जाकर विभागीय टीम द्वारा पहुंचाई जा रही हैं।
‘योजना कारगर रही तो सिस्टम की संख्या बढ़ाई जाएगी’
उधर, वन विभाग रामपुर के डीएफओ गुरहर्ष सिंह ने बताया कि शाहधार पंचायत में भालू की समस्या से निजात दिलाने के लिए एनाइडर सिस्टम स्थापित किया गया है। यदि योजना कारगर रही तो सिस्टम की संख्या बढ़ाई जाएगी। वन विभाग के एक पिंजरे में ने भालू का बच्चा पकड़ा गया है, जिसे सराहन में विभाग की टीम की देखरेख में रखा गया है। मादा भालू की गतिविधियों पर नजर बनाए रखने के लिए चार कैमरे और तीन पिंजरे स्थापित किए गए हैं। विभाग की रेपिड रेस्क्यू टीम दिन रात क्षेत्र में गश्त कर रही है।