हिमाचल प्रदेश के किन्नौर के युवक को डिजिटल अरेस्ट कर शातिर ठग ने उनसे साढ़े 17 लाख रुपये ठग लिए। आरोपी ने सीबीआई अफसर बनकर मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार करने का डर दिखाकर युवक को दो दिन डिजिटल अरेस्ट रखा। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मूरंग थाना में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। स्किबा के युवक ने पुलिस को बताया कि 18 नवंबर को एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने अपने आप को सीबीआई अफसर बताया।
कॉल रिसीव करते ही उसने मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार करने की धमकी दी और कहा कि जल्द ही वह उसके घर में दबिश देंगे। दो दिन तक आरोपी उन्हें गिरफ्तारी का डर दिखाकर कॉल करता रहा। आरोपी ने कहा कि मामले में अब तक 200 लोग पकड़े जा चुके हैं और अब उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा। गिरफ्तारी से बचना है तो तुरंत पैसे खाते में डाल दो। गिरफ्तारी के डर से वह सहम गया और यूको बैंक की स्किबा शाखा पहुंच आरोपी के बताए खाते में साढ़े 17 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
डिजिटल अरेस्ट के 7 मामलों में 2.26 करोड़ की हो चुकी ठगी
साइबर अपराधी लोगों से डिजिटल अरेस्ट के नाम पर अब आधुनिक तरीके से धोखाधड़ कर रहे हैं। हिमाचल में पिछले छह महीने में डिजिटल अरेस्ट के 7 मामलों में लोगों से करीब 2.26 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हो चुकी है। इसमें अपराधी खुद को सीबीआई, कस्टम, प्रवर्तन निदेशालय और पुलिस विभाग के अफसर बताकर लोगों से धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं। साइबर क्राइम के मुताबिक प्रदेशभर से इस तरह के कई मामले सामने आ रहे हैं। इसमें लोगों को अपराधी फर्जी वारंट, दस्तावेज और एक साथ कई एजेंसियों की फर्जी मुहर लगे दस्तावेज ऑनलाइन भेजते हैं और कार्रवाई का डर दिखाकर पैसे ऐंठ लेते हैं।
सबसे अधिक मामले मंडी रेंज में
इस साल अभी तक सबसे अधिक मामले मंडी रेंज में सामने आए हैं। साइबर अपराधी इस तरह से प्रदेश के सेवानिवृत्त अधिकारियों को भी ठगी का शिकार बना रहे हैं। डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला ने बताया कि इस तरह की ठगी से बचने के लिए लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। ऐसे अपराधियों से लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। साइबर क्राइम के दो विशेषज्ञ हर समय ऐसे मामलों की सुलझाने और लोगों की मदद के लिए तैनात हैं। डिजिटल अरेस्ट के मामले व्हाट्सएप के अलावा स्काइप और अन्य तरीकों से भी ठगी को अंजाम दिया जा रहा है।
हिमाचल पुलिस की सूचना पर गुजरात में गिरोह का भंडाफोड़
प्रदेश में लोगों को डिजिट अरेस्ट बनाकर ठगी के मामले में हिमाचल पुलिस की सूचना पर गुजरात में पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह कॉल सेंटर चलता था। गुजरात पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस जल्द इन्हें हिमाचल लाएगी।
आठ घंटे डिजिटल अरेस्ट, 40 लाख की ठगी
एक व्यक्ति को सीबीआई अफसर के नाम पर व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल आया। इसमें उन्हें बताया दी गई कि उनके दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल हुआ है। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। इस मामले में उनके खिलाफ जारी फर्जी वारंट को भी ऑनलाइन भेजा गया। इस तरह से व्यक्ति को आरोपियों ने करीब 8 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट बनाए रखा। इस तरह से शातिर पीड़ित से करीब 40 लाख रुपये की ठगी को अंजाम देने में कामयाब हो गए।
पुलिस अफसर बनकर 20 लाख की धोखाधड़ी
महिला को पुलिस कमीशन के नाम से वीडियो कॉल आया। इसमें बताया गया कि उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज है। उन्हें 72 घंटे में गिरफ्तार करने के नाम पर धमकाया गया। इस तरह घंटों डिजिटल अरेस्ट रहने के बाद कोर्ट फीस और मामले को रफा-दफा करने के नाम पर महिला से 20 लाख रुपये से अधिक की ठगी हो गई।
डिजिटल अरेस्ट में वीडियो कॉल करके लोगों को सीबीआई, कस्टम और ईडी जैसे विभागों के नाम पर कार्रवाई का डर दिखाकर लाखों रुपये ऐंठे जाते हैं। लोगों से आग्रह है कि ऐसा होने पर घबराएं नहीं। पहले रुकें, सोचे और कॉल की रिकॉर्डिंग करके 1930 पर कॉल करें।