हिमाचल में बदलेगा सहकारिता एक्ट-1972, ऑडिट प्रक्रिया में होगी सख्ती; भरे जाएंगे 900 रिक्त पद; जानें

Cooperative Act-1972 will be changed in Himachal audit process will be strict 900 vacant posts will be filled

हिमाचल प्रदेश में सहकारिता एक्ट-1972 को बदला जाएगा। इसमें ऑडिट प्रक्रिया में सख्ती बरतने का प्रावधान किया जाएगा। सभी हितधारकों से चर्चा के बाद सहकारिता क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण को विधानसभा में नया कानून पारित किया जाएगा। बुधवार को उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में राजधानी शिमला के कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान मशोबरा में हुए प्रदेश का पहले राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन में यह फैसला लिया गया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता विभाग का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा।विभाग में 900 रिक्त पद भरने के लिए जल्द रणनीति बनेगी। 1,789 सहकारी समितियों के कंप्यूटरीकरण के लिए बजट जारी कर दिया गया है।

रजिस्ट्रार सहकारी समिति आरके प्रुथी ने बताया कि सहकारिता एक्ट 1972 में बदलाव और सहकारिता आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए सहकारी सभाओं के सदस्य अपने सुझाव registrarecooperativehp@gmail.com पर भेज सकते हैं। 15 दिनों के बाद इन सुझावों पर विस्तृत चर्चा के बाद रणनीति में शामिल किया जाएगा। 30 सितंबर तक अभी आडिट करने को कहा गया है लेकिन कई समितियां तय समय में आडिट नहीं करती हैं। ऐसे में एक्ट में बदलाव किया जाएगा कि अगर कोई सभा ऑडिटर नियुक्ति नहीं करती है तो सहायक पंजीयक सीधे ऑडिटर नियुक्त करेगा। इसके अलावा 31 मार्च 2025 तक सभी सभाओं को अपने जनरल हाउस आयोजित करने और 15 अप्रैल 2025 तक ऑडिटर नियुक्त करने को कहा है। उन्होंने कहा कि इन प्रावधानों को नये कानून में शामिल किया जाएगा।

हिमफेड, वूल फेड, मिल्क फेड पर शिकंजा कसने के निर्देश
सम्मेलन में हिमफेड, वूल फेड, मिल्क फेड जैसी फेडरेशन के शामिल नहीं होने पर उपमुख्यमंत्री ने चिंता जताई। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन फेडरेशन पर शिकंजा कसा जाए। इसके साथ ही निजी और सरकारी बैंकों के प्रतिनिधियों को भी इस सम्मेलन में आना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंकों का आधार सहकारिता समितियां ही है।

सहकारी हाट होंगे विकसित
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सहकारी सभाओं के सहयोग से सहकारी हाट विकसित किए जाएंगे। इनके लिए चार स्थानों का चयन किया गया। चयनित स्थानों में चिंतपूर्णी (ऊना), बाबा बालक नाथ (हमीरपुर), पालमपुर (कांगड़ा) और सुंदरनगर (मंडी) में सहकारी हाट बनेंगे। सहकारी हाट पर वन स्टॉप सेंटर होंगे यहां पर उन उत्पादों की बिक्री होगी जिनका उत्पादन सहकारी सभाएं कर रही है। पहले चरण में चार स्थानों पर सहकारी हाट कार्य करेंगे। इसके बाद प्रदेश भर में इस तरह के सहकारी हाट स्थापित करने की योजना है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

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