प्रदेश कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, लगाए कई आरोप

BJP submitted a memorandum to the Governor against the state congress govt, made several allegations

हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार के दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर भाजपा ने बुधवार सुबह राज्यपाल शिव प्रताव शुक्ल को ज्ञापन साैंपा। भाजपा के अनुसार ज्ञापन के जरिये कांग्रेस सरकार के काले चिट्ठों का पूरा विवरण राज्यपाल को दिया गया।  नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अगुवाई में यह यह ज्ञापन साैंपा गया। इस दाैरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल सहित विधायक भी माैजूद रहे। ज्ञापन में भाजपा ने आरोप लगाया कि वर्तमान कांग्रेस सरकार का दो वर्ष का यह कार्यकाल प्रदेश के इतिहास में काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा, क्योंकि इस दौरान भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी इस सुक्खु सरकार ने ‘अपने को अनैतिक रूप से लाभ पहुंचाकर, फिजूल खर्ची को बढ़ावा देकर और आर्थिक कुप्रबंधन कर जहां प्रदेश को आर्थिक दिवालियापन के कगार पर खड़ा कर दिया, वहीं कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए खनन, ड्रग, शराब, कबाड़, वन व भू माफिया को सरंक्षण दे प्रदेश में माफिया राज स्थापित कर दिया । यही नहीं कांग्रेस की इस सरकार ने जहां जन विरोधी निर्णय लेकर प्रदेश की जनता को त्रस्त करने का काम किया, वहीं कई अजीबोगरीब फैसले लेकर प्रदेश को देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मजाक का विषय बना दिया। कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार के दो साल के कार्यकाल पूरा होने पर इस सरकार के काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा राज्यपाल को प्रस्तुत किया है और 18 घोटाले को उजागर किया है। 

मुख्यमंत्री कार्यालय बना भ्रष्टाचार का अड्डा, शराब घोटाला हुआ
भाजपा का आरोप है कि मुख्यमंत्री कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बना है।  हिमाचल सरकार हिमाचल प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से अनेक तरह के लाभ इस कंपनी को पहुंचा रही है। जैसे एचपीपीसीएल ने अपने बोर्ड की बैठक में कार्यपूर्ति की समय अवधि को दूसरी बार बढ़ा दिया। भाजपा ने आरोप लगाया कि हिमाचल सरकार के आबकारी एवं कराधान विभाग ने इस वर्ष के लिए फरवरी-मार्च 2024 में शराब के ठेकों की नीलामी की जिसमें बहुत बड़ा घोटाला हुआ।  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हिमाचल में बड़ी कार्रवाई करते हुए नालागढ़ स्थित शराब कंपनी की 9.31 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त की है। भाजपा के अनुसार फरवरी-मार्च 2015 में मुख्यमंत्री  के नजदीकी रहे तीन लोगों ने 70 कनाल जमीन 2 लाख 60 हजार में  तीन अलग अलग रजिस्ट्रियां करवाकर खरीदी गई । भाजपा

ज्ञापन में ये आरोप भी लगाए
भाजपा ने आरोप लगाया कि हिमाचल ऑन सेल है। वर्तमान प्रदेश सरकार में बड़े पैमाने पर हिमाचल प्रदेश की संपत्तियों को बेचना शुरू कर दिया है और पर्यटन निगम इसका एक उदाहरण है। 18 होटलों को घाटे में दर्शा दिया जो प्राइम स्थानों पर चल रहे हैं।  लोक निर्माण विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बना है।  भ्रष्ट अधिकारियों को सरंक्षण देने का आरोप  लगाए। बैंक घोटाले कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक ने वन टाइम सेटलमेंट पालिसी के नाम पर प्रभावशाली लोगों को लाभ पहुंचाया।  देहरा में राशन घोटाला हुआ। ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट घोटाला भी हुआ। गोबिंदसागर झील में क्रूज उतारने में भी कथित तौर पर रिश्वत कांड का मामला उजागर हुआ है।  औद्योगिक क्षेत्र में घोटाल बद्दी औद्योगिक क्षेत्र के अंतर्गत मुख्य संसदीय सचिव रहे विधायक की पत्नी ने दो फेक्ट्रियां खरीदी और कुछ माह बाद ही 10 गुना ज्यादा दाम पर बेच दी।  पर्यटन निगम मुख्यमंत्री  के विधानसभा क्षेत्र नादौन में एशियन विकास बैंक से कर्ज लेकर पंच सितारा होटल बना रहा है जिसमे शुरू से ही भ्रष्टाचार की बू आ रही है।  आउटसोर्स घोटाला, कबाड़ घोटाला भी हुआ। हिमाचल प्रदेश मार्केटिंग बोर्ड में केंद्र सरकार से आए लगभग 7 करोड़ के मंडियों को डिजिटलाइज करने के टेंडर को लेकर भी सवाल खड़े हुए हैं।  इसी तरह, जल शक्ति विभाग में भी कई डिविजनों से टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताएं बरतने के आरोप लगे हैं। 

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