पंचायती राज संस्थाओं व शहरी नकायों के आयोजित होने वाले सामान्य निर्वाचन में अब मत पेटियों पर क्यूआर कोड लगाया जाएगा। इसको लेकर बैठक आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता राज्य निर्वाचन आयुक्त अनिल कुमार खाची ने की। उन्होंने कहा कि आयोग ने व्यवस्थित निर्वाचन के तहत एक नवीन इनवेंटरी मैनेजमेंट एप्लीकेशन तैयार की है। इस एप्लीकेशन के क्यूआर कोड से स्कैन कर मतपेटियां मतदान दलों को दी जानी प्रस्तावित हैं। उन्होंने कहा कि निर्वाचन से संबंधित संपूर्ण सामग्री को भी इसी एप्लीकेशन के माध्यम से वितरित किया जाना प्रस्तावित है।
उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि पुराने निर्वाचन के अभिलेखों को नियमानुसार नष्ट किया जाए और निर्वाचन भंडारण कक्ष की साफ-सफाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि निर्वाचन के दृष्टिगत वार्डबंदी, मतदाता सूचियों को अद्यतन करना और आरक्षण इत्यादि सहित राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी नियमों की अक्षरशः अनुपालना करना जिला प्रशासन का दायित्व है। उन्होंने निर्देश दिए कि आयोग की ओर से निर्वाचन के लिए जारी किए जाने
वाले कार्यक्रम के अनुसार वार्डबंदी, मतदाता सूचियों के संशोधन इत्यादि कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित बनाया जाए ताकि लोगों को इसकी जानकारी समय पर मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रचार-प्रसार के लिए प्रेस सम्मेलन, होर्डिंग, बैनर सहित अन्य प्रचार सामाग्री का इस्तेमाल किया जाए। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्वाचन अधिकारी संजीव कुमार महाजन ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से निर्वाचन से कि संबंधित विभिन्न प्रक्रियाओं की विस्तृत पर जानकारी प्रदान की। जिला दंडाधिकारी सोलन मनमोहन शर्मा ने राज्य निर्वाचन आयुक्त का स्वागत किया और उन्हें विश्वास दिलाया कि आयोग के दिशा-निर्देशों का पूर्ण पालन सुनिश्चित बनाया जाएगा।
वार्ड निर्धारण 30 जून तक पूरा करें
अनिल खाची ने जिला दंडाधिकारी को निर्देश दिए कि पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन के उपरांत वाडों के निधारण एवं आरक्षण का कार्य 30 जून 2025 तक पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि भारत का निर्वाचन आयोग एवं राज्य का निर्वाचन आयोग भिन्न-भिन्न संस्थाएं हैं और दोनों आयोग की मतदाता सूचियां अलग-अलग होती हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को यह बताया जाना आवश्यक है कि स्थानीय निकाय के निर्वाचन में मतदान के लिए मतदाता का नाम राज्य निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची में होना चाहिए।
प्रदेश में नई पंचायतों के लिए 650 आवेदन
प्रदेश में चुनावों से पहले नई पंचायतों के गठन एवं पुनर्सीमांकन को लेकर प्रक्रिया जारी है। प्रदेशभर से विभाग को करीब 650 आवेदन नई पंचायतों के गठन के मिले हैं। अभी तक प्रदेश में 3615 पंचायतें हैं। ऐसे में अब 650 नए आवेदन स्वीकृत होते हैं तो प्रदेश में यह आंकड़ा चार हजार के पार हो जाएगा। नई पंचायतें बनीं तो कई पंचायतों की सीमाएं भी बदलेंगी और इनका पुनर्सीमांकन किया जाएगा। हालांकि अभी विभाग आवेदनों की छंटनी कर रहा है। सरकार की ओर से बनाए गए मापदंडों के आधार पर पंचायतों के गठन के लिए आए आवेदनों का परीक्षण होगा। इसके बाद अधिसूचनाएं जारी कर आपत्तियां और सुझाव मांगे जाएंगे।