
अंतरराज्यीय चिट्टा तस्कर गिरोह के सरगना गुरमीत के हाथ में आई चिट्टे की पुड़िया ने उसे और उसके परिवार को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। नशे के दलदल में ऐसा धंसा कि जमीन भी बिक गई। पुलिस पूछताछ में गुरमीत ने खुद यह खुलासा किया है। बताया कि चिट्टे की खरीद फरोख्त के लिए उसने फरीदकोट में अपनी दो किले जमीन करीब 20 लाख रुपये में बेच दी थी। इसके बाद वह नशा तस्करी के चक्रव्यूह में ऐसा फंसा कि आज तक वह सलाखों के पीछे है। गुरमीत के खिलाफ पंजाब में भी चिट्टा तस्करी का मामला दर्ज है लेकिन यहां से जमानत मिलने के बाद वह शिमला में नशा तस्करी के अवैध कारोबार में जुट गया। वह ठियोग में सड़क के किनारे जैकेट बेचने का काम भी कर चुका है।
पुलिस अब गुरमीत के बैंक खातों और डिजिटल तथ्यों के आधार पर इसके लिए शिमला में नशा तस्करी करने वाले पैडलरों की तलाश करने में जुटी है। पुलिस जांच में अभी तक करीब 10 से 12 लोगों की पहचान की जा चुकी है, जोकि गुरमीत के लिए नशा तस्करी करते थे। संदीप शाह की तरह यह गिरोह भी बड़ी मात्रा में नशा लाकर यहां पर छोटी-छोटी पुड़िया में बेचने का काम करता था। इसमें स्थानीय ऐसे युवाओं को जरिया बनाया गया था जोकि या तो नशे के आदी थे या फिर नशे से लाखों कमाने का लालच रखते थे।
मामला उस समय सामने आया जब शिमला पुलिस की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर संजौली में दबिश देकर करण शर्मा नाम के युवक से 100.590 ग्राम चिट्टा बरामद किया। पुलिस पूछताछ में पता चला कि यह एक गिरोह है जोकि शहर में नशा तस्करी के अवैध कारोबार को सालों से अंजाम दे रहा था। इसके बाद पुलिस ने मामले में एक और सहयोगी और गिरफ्तार किया जिससे सगरना के खाते में पैसे ट्रांसफर किया था। इसके बाद पुलिस ने गुरमीत को पंजाब से गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की। अब पुलिस इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए भी सुबूत जुटा रही है।
गुरमीत गिरोह पंजाब से नशा तस्करी करके शिमला में बेचने का काम करता था। इसके खिलाफ पंजाब में भी एनडीपीएस एक्ट के केस दर्ज हैं। पुलिस का चिट्टा तस्करी पर यह प्रहार युवा पीढ़ी को नशे से बचाने में अहम भूमिका निभाएगा-