एम्स बिलासपुर में न्यूक्लियर मेडिसिन की सेवाएं शुरू, अब हो रहे पैट स्कैन

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Himachal Nuclear medicine services started in AIIMS Bilaspur now PET scans are being done

एम्स बिलासपुर में न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग की सभी प्रमुख सेवाएं अब सक्रिय हो गई हैं। इससे प्रदेश के मरीजों को उच्च स्तरीय चिकित्सा जांच सुविधाएं मिलेंगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने 8 मार्च को एम्स में स्पैक्ट और पैट स्कैन यूनिट का विधिवत शुभारंभ किया था। लेकिन कुछ कारणों से अब तक एम्स में पैट स्कैन नहीं हो पा रहे थे। अब इन्हें शेड्यूल किया जाने लगा है।

पैट और स्पैक्ट से कैंसर, न्यूरोलॉजिकल और हृदय संबंधी बीमारियों के सटीक निदान में मदद मिलेगी। पैट स्कैन के माध्यम से शरीर की क्रियाशीलता को बेहद बारीकी से देखा जा सकता है। इस प्रक्रिया में मरीज को विशेष रेडियोधर्मी पदार्थ जैसे एफडीजी एक प्रकार का ग्लूकोज दिया जाता है, जो शरीर की सक्रिय कोशिकाओं में जाकर जमा होता है। कैंसर कोशिकाएं अधिक सक्रिय होती हैं, इसलिए पैट स्कैन से उन्हें स्पष्ट रूप से पहचाना जा सकता है।

वहीं, स्पैक्ट तकनीक भी न्यूक्लियर मेडिसिन की महत्वपूर्ण शाखा है। यह हृदय की ब्लड सप्लाई, मस्तिष्क में रक्त प्रवाह तथा हड्डियों में संक्रमण या कैंसर की पहचान में उपयोगी है। इसमें टीसी-99एम जैसे रेडियोधर्मी ट्रेसर का उपयोग किया जाता है, जो गामा किरणें छोड़ता है। इन किरणों को स्कैन कर डॉक्टर अंगों की थ्रीडी इमेज बना पाते हैं। पैट जहां अधिक संवेदनशील और स्पष्ट परिणाम देता है, वहीं स्पैक्ट तुलनात्मक रूप से कम खर्चीला है और आम उपयोग में ज्यादा देखने को मिलता है।

विशेषज्ञों के अनुसार दोनों तकनीकें शरीर के भीतर चल रही बायोलॉजिकल प्रक्रियाओं को समझने में सहायक हैं, जो सीटी या एमआरआई जैसे स्कैन से संभव नहीं होता। प्रदेश में एम्स बिलासपुर इकलौता संस्थान है जो इन सेवाओं को सुचारू कर रहा है। इससे पहले मरीजों को पैट स्कैन के लिए पीजीआई चंडीगढ़ का रुख करना पड़ता था।

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