
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की सैंज घाटी के जीवानाला में बादल फटने से आई बाढ़ से क्षेत्र में तबाही मच गई। जीवानाला से लेकर लारजी तक सात पैदल पुल बह गए। चार मकानों के साथ तीन लोग भी बाढ़ की चपेट में आ गए। पहले जीवानाला पर पंचायत की ओर से बनाए तीन पैदल पुल बह गए, उसके बाद सैंज नदी में रोपा, नूनू नाही, करटाह, सतेश आदि स्थानों में भी पुल बह गए हैं। इससे क्षेत्र के लोगों का संपर्क टूट गया है। इस दौरान बिहाली में चार मकान भी बाढ़ की भेंट चढ़ गए हैं। इनमें तीन लोग भी चपेट में आए हैं। यहां लोगों की जमीन भी नदी में आई बाढ़ से तहस-नहस हो गई है। सिउंड के पास एनएचपीसी कॉलोनी में पानी घुस गया। एक अस्थायी दुकान भी बहने की सूचना है। सिंउड के पास मार्ग को भारी क्षति पहुंची है, जिससे आवाजाही पूरी तरह से ठप पड़ गई है। सैंज के पास एक माल वाहक भी सड़क से बहता नजर आया। उधर, बंजार के हुरनगाड में भी पुलिया बह गई है। इससे क्षेत्रवासियों का संपर्क कट गया है।

12 साल बाद जीवानाला ने फिर मचाई तबाही
2 साल पहले भी जीवानाला में तबाही मचाई थी। नाले में बाढ़ आने से सिउंड गांव को तबाह कर दिया था। अब फिर से तबाही लेकर आया जीवानाला ने घाटी के लोगों की पुरानी यादों को ताजा कर दिया है। पिन पार्वती नदी में आई बाढ़ से सिउंड के पास नदी पर बना पुल भी बाल-बाल बच गया। यह पुल रैला पंचायतों के कई गांवों को जोड़ता है। बारदल फटने के बाद नदी का जलस्तर पुल के करीब से गुजर रहा था।

बाहंग में बह गईं चार दुकानें, मकान खाली करने के आदेश
बादल फटने से सोलंगनाला के समीप बहने वाले अंजनी नाला के उफान पर आने से व्यास नदी का जल स्तर बढ़ गया। बाहंग में चार दुकानें व्यास के बहाव में बह गई है। प्रशासन ने एहतिआत के तौर पर बाहंग में नदी तट पर बसे लोगों को मकान और दुकाने खाली करने के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि अंजनी नाला में बादल फटने या गलेशियर टूटने से अचानक जलस्तर बढ़ा। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है। बुधवार दोपहर बाद अचानक अंजनी नाला उफान पर आ गया।

नाले का पानी पलचान पुल से होकर बहने लगा। जिससे लोग खौफजदा हो गए। एसडीएम मनाली रमण कुमार शर्मा और डीएसपी केडी शर्मा मौके पर पहुंचे। उन्होंने हालत का जायजा लिया। ब्यास नदी में नाले का पानी मिलने से ब्यास का जलस्तर वहीं कई गुना बढ़ गया। बाहंग में व्यास के तेज बहाव में खेख राम की चार दुकाने बह गई। दुकानों को जोगी राम, कृष्ण और पवन ने किराये पर ले रखा था। तीन में स्नो ड्रेस का काम किया जाता था। एक दुकान स्टेशनरी की थी। दुकान के साथ सारा सामान नदी में वह गया है।

सैलाब देख घर छोड़ भागे लोग, तीन दिन पहले लगी दीवार ने बचाया सैंज बाजार
सैंज में जीवानाला में बादल फटने से पिन पार्वती नदी में आई बाढ़ से करीब 25 किलोमीटर दायरे में रहने वाले लोगों में अफरातफरी मची रही। पिन पार्वती नदी के किनारे बसे सैंज बाजार से साथ नदी किनारे सटे कई गांवों के लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित जगहों की तरफ भागना पड़ा। सैंज बाजार के दूसरी तरफ लोग गाड़ियों और पैदल ही पहाड़ी की तरफ निकलने के लिए मजबूर हुए। सैंज घाटी 2023 से 2025 तक लगातार तीन साल से बरसात की बारिश का दंश झेल रही है।

2023 में आई आपदा में आधे बाजार का नामोनिशान मिट गया था। इस बार भी पिन पार्वती नदी का रौद्र रूप था। हालांकि, तीन दिन पहले जलशक्ति विभाग की ओर से पार्वती नदी के किनारे लगाई सुरक्षा दीवार सैंज बाजार के लिए ढाल बनी। दूसरी तरफ भी इसी तरह की दीवार लगाई है। बरसात की शुरुआत में बादल फटने और जिले के नदी-नालों में बाढ़ जैसे हालत होने से लोग सहम गए हैं। नदी में आई बाढ़ से सैंज बाजार के दूसरी तरफ अस्पताल परिसर और लोगों के घरों में मलबा घुस गया।