हिमाचल प्रदेश में पूर्व चेतावनी यंत्र लगाए जाएंगे। जिसके माध्यम से समय-समय पर मौसम की निगरानी, पूर्वानुमान और चेतावनी आदि की सूचना मिल सकेगी।
हिमाचल में अर्ली वार्निंग सिस्टम (पूर्व चेतावनी यंत्र) लगेंगे। बुधवार को मंत्रिमंडलीय उप समिति ने आपदा प्रबंधन के लिए इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। इस प्रणाली के माध्यम से समय-समय पर मौसम की निगरानी, पूर्वानुमान और चेतावनी आदि की सूचना मिल सकेगी। इसके सुचाकरु संचालन से समय रहते सावधानी बरतने से आपदा के प्रभाव को कम कर जानमाल के नुकसान में कमी आएगी।
उप समिति ने आपदा के समय राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए हेलिकॉप्टर किराये पर लेने का भी निर्णय लिया। बैठक की अध्यक्षता राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने की। इस बैठक में हाल ही में प्रदेश में बादल फटने और बाढ़ की घटनाओं के तहत राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक में प्रभावित क्षेत्रों में अवरद्ध सड़कों की बहाली, पुलों के पुनर्निर्माण और जलापूर्ति योजनाओं की मरम्मत जैसे आवश्यक बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने पर भी विचार-विमर्श किया।
जगत सिंह नेगी ने कहा कि एक अन्य बैठक में मंत्रिमंडलीय उप समिति ने छोटे और सीमांत किसानों के लिए भूमि नियमितीकरण से जुड़े मामलों पर चर्चा की। उप समिति ने हिमाचल प्रदेश को एफसीए (वन संरक्षण अधिनियम) में रियायत दिलवाने के लिए उच्चतम न्यायालय में अपील करने का मंजूरी दी। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी, अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) कमलेश कुमार पंत, विशेष सचिव (राजस्व-आपदा) डीसी राणा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित रहे।