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बैंबू के विभिन्न उत्पाद बनाने को यूनिट भी किया स्टार्ट,
महिलाओं को अभियान से जोड़कर बनाया जाएगा स्वावलंबी
बांस के उत्पादों को लेकर ऊना जिला प्रशासन द्वारा करीब 2 साल पहले शुरू किए गए अभियान को अब पंख लगने लगे हैं। बांस के विभिन्न उत्पाद तैयार करने के लिए जिला ऊना के चंडीगढ़ धर्मशाला नेशनल हाईवे पर स्थित गांव घंडावल में औद्योगिक यूनिट को शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही यूनिट के बिल्कुल करीब बांस की एक नर्सरी को भी आरंभ किया गया, जिससे बैंबू विलेज के नाम से जाना जाएगा। डीसी राघव शर्मा इस यूनिट और नर्सरी का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे जबकि देश भर में बैंबू मैन के नाम से प्रसिद्ध है योगेश शिंदे ने भी कार्यक्रम में विशेष रूप से शिरकत की। इस मौके पर बंबू की विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपित किए गए। नर्सरी और यूनिट के साथ बिक्री केंद्र भी स्थापित किया जायेगा। डीसी राघव शर्मा ने कहा कि बांस के विभिन्न उत्पादों को लेकर महिलाओं के कई समूहों को जोड़कर आजीविका उपार्जन की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे। उपायुक्त ने कहा कि एक तरफ जहां बैंबू कल्टीवेशन रोजगार का साधन बनेगा वहीं इसके साथ-साथ बैंबू के कई उत्पाद तैयार करने के लिए भी स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
दूसरी तरफ देश भर में बैंबू मैन के नाम से प्रसिद्ध योगेश शिंदे ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के इस मैदानी इलाके की मिट्टी बैंबू की कई प्रजातियों का कल्टीवेशन करने के लिए बेहद उपयोगी है। जबकि बांस की स्थानीय नस्ल कई उत्पादों में प्रयोग होने के लिए माकूल पाई गई है। उन्होंने कहा कि बैंबू इंडस्ट्री शुरू होने से स्थानीय स्तर पर कई लोगों को रोजगार और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। जिसमें विशेष रूप से महिला शक्ति इस कारोबार से जुड़कर स्वावलंबी बन सकती है।