
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य कर एवं आबकारी विभाग की ओर से अदालती मामलों में जवाब दाखिल करने में लगातार हो रही देरी पर फटकार लगाई है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने चेतावनी दी है कि अब समय आ गया है कि विभाग अपने रवैया में सुधार करे अन्यथा सरकार को आयुक्त, कानून अधिकारी और दोषी अधिकारियों को बदलने की सिफारिश करनी पड़ सकती है। न्यायालय ने विभाग को आदेश दिए हैं कि एक सप्ताह के भीतर निश्चित रूप से जवाब दाखिल किया जाए। ऐसा न करने पर दोषी अधिकारी और कर्मचारियों को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय के समक्ष उपस्थित होना होगा। मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी।
खंडपीठ ने आदेश में कहा है कि बार-बार देखा गया है कि आबकारी विभाग की ओर से न तो जवाब समय पर दायर किया जा रहा है और न ही समय बढ़ाने के बाद। विभाग 3 महीने के बाद जवाब दाखिल कर रहा है। इससे न केवल अदालत को असुविधा होती है बल्कि उन मामलों के निर्णय लेने में भी बाधा आती है, जिनमें करोड़ों रुपये लगे होते हैं। वर्तमान मामले में प्रतिवादी सरकार सहित विभाग को 24 अप्रैल को नोटिस जारी किए गए। उसके बाद विभाग की ओर से 1, 8 और 29 मई को जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा गया। शुक्रवार को भी जवाब दाखिल करने के लिए और समय की मांग की गई। न्यायालय ने इसी मामले में यह आदेश जारी किए हैं।